भोपाल जिले के सहायक आबकारी आयुक्त दीपम कुमार रायचूरा ( Deepam Kumar Raicura ) को कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने क्लीनचिट दी है। उन पर एक महिला ने होटल में बुलाकर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। आबकारी कमिश्नर के आदेश पर कलेक्टर ने मामले की जांच परिवाद समिति को सौंपी थी।
अब जांच के बाद परिवाद समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। इसमें कहा गया है कि जिस महिला के नाम से शिकायत की गई है, उस नाम की कोई महिला आबकारी विभाग में कार्यरत नहीं है। परिवाद समिति की जांच से सहायक आबकारी आयुक्त दीपम कुमार रायचूरा को बड़ी राहत मिली है। इसी के साथ एक और शिकायत का भी कोई आधार नहीं मिला है।
आपको बता दें कि रायचूरा डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ( Deputy CM Jagdish Devda) के ओएसडी बनने वाले हैं। हालांकि अभी इसके आदेश नहीं हुए हैं। माना जा रहा है कि उनकी छवि खराब करने के लिए यह षड्यंत्र रचा गया था।
अधिकारियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा
सूत्रों के अनुसार विभाग में अधिकारियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है। रायचूरा के साथी अधिकारी ही नहीं चाहते हैं कि वे डिप्टी सीएम के ओएसडी बनें। लिहाजा, इस तरह की फर्जी शिकायत कराई गई थी। उन पर पहले भी इस तरह के आरोप लगाए गए हैं, लेकिन ज्यादातर का कोई आधार या ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
पत्र में किसी महिला का नाम नहीं
सहायक आबकारी आयुक्त दीपम कुमार रायचूरा के खिलाफ एक जो शिकायती पत्र सामने आया है, उसमें किसी महिला की पहचान नहीं है। यह शिकायत भोपाल जिले की सभी महिला एसडीओ और एसआई के हवाले से सामने आया था। परिवाद समिति की छानबीन के बाद कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रायचूरा को पूरे मामले में क्लीनचिट दे दी है।
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