BHOPAL. राजधानी भोपाल में पहली बार किसी बड़े प्राइवेट स्कूल का संचालन प्रदेश सरकार करेगी। अब इस स्कूल का संचालन जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। यह वही स्कूल है जहां पर पिछले दिनों साढ़े 3 3 साल की बच्ची से रेप हुआ था। स्कूल एक-दो दिन के बाद फिर खोला जाएगा। साथ ही इस स्कूल की मान्यता अगले सत्र से रिन्यू नहीं की जाएगी। इस इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 324 हैं। टीचर द्वारा बच्ची से रेप के मामला सामने आने के बाद स्कूल को सील कर दिया था।
जानें पूरा मामला
बता दें कि राजधानी भोपाल के कमला नगर इलाके के एक निजी स्कूल में शिक्षक द्वारा मासूम छात्रा से दरिंदगी का मामला सामने आया था। इसको लेकर हिंदू संगठनों ने जमकर विरोद प्रदर्शन किया था। इस संगठन से जुड़े लोग समेत प्राइवेट कॉलेज के स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। साथ ही मांग उठी थी कि स्कूल की मान्यता रद्द किया जाए। साथ ही आरोपी टीचर कासिम रेहान को फांसी की सजा दी जाए। मामले में पुलिस ने आरोपी टीचर को गिरफ्तार कर लिया था। इस बीच प्रशासन ने स्कूल को पूरी तरह से सील कर अपने कब्जे में लिया था।
स्कूल संचालन को लेकर किया मंथन
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि स्कूल का संचालन जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) करें। साथ ही मौजूदा सत्र में स्कूल की पढ़ाई जारी रखने की बात कही गई है। अगले सत्र से स्कूल की मान्यता रिन्यू नहीं होगी। दरअसल, जांच टीम ने स्कूल के संचालन को लेकर मंथन किया गया था।
कि क्या स्कूल की मान्यता रद्द की जाए और बच्चों का दूसरे स्कूल में एडमिशन करवा दें। साथ ही स्कूल मान्यता रद्द नहीं करते हुए स्कूल की कमान अपने हाथों में ले लें।
इस पूर मामले को लेकर कलेक्टर ने जांच के लिए दो टीमें बनाकर कर दोनों को अलग- अलग जांच सौंपी थी। पहली जांच रिपोर्ट में सामने आया कि बच्चियों की सुरक्षा को लेकर स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है। दूसरी 7 सदस्यीय कमेटी ने स्कूल के संचालन को लेकर कलेक्टर को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
DEO ने दी जानकारी
जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार के अनुसार कि भोपाल में पहली बार कोई प्राइवेट स्कूल के संचालन की जिम्मेदारी अपने हाथ में लेंगे। नियम के मुताबिक यदि किसी प्राइवेट स्कूल में ऐसा होता है तो उसके संचालन की कमान शिक्षा विभाग ले सकता हैं। संकुल प्राचार्य या सरकारी स्कूल के प्राचार्य को कुछ दिन में स्कूल संचालन की व्यवस्था सौंप दी जाएगी।
आरटीई से 79 बच्चे का एडमिशन
स्कूल प्रबंधन से चर्चा के बाद स्कूल खोला जाएगा। स्कूल में बच्चों की संख्या 324 हैं। इनमें से 79 बच्चों का एडमिशन आरटीई (राइट टू एजुकेशन) में हुआ है। बीच सत्र में स्कूल बंद होना बच्चों को परेशानी बन सकती थी। बच्चों का साल खराब हो जाएगा। स्कूल खुले पांच महीने हो चुके हैं। ऐसे में बच्चों का कहीं एडमिशन भी नहीं हो सकता। स्कूल के बंद रखने से बच्चों का एक साल खराब होगा। दूसरी तरफ, कई शिक्षकों का पढ़ाई का तरीका बच्चों को बेहतर लगता है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसलिए जांच टीम ने प्लान तैयार किया। यही कलेक्टर को सौंपा गया।
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