भोपाल में अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए पीएम आवास योजना में हजारों लोगों ने बुकिंग कराई, लेकिन 7 साल बाद भी उन्हें पजेशन ( possession ) नहीं मिल सका है और वे लोन की किस्त और मकान के किराए के रूप में दोहरी मार झेल रहे हैं। दरअसल लोगों को सस्ते दामों और अच्छी लोकेशन पर मकान देने के लिए साल 2017 में पीएम आवास का सबसे पहला प्रोजेक्ट 12 नंबर स्टॉप पर आया। ईडब्ल्यूएस ( EWS ) से लेकर एलआईजी ( LIG ) और एमआईजी ( MIG ) के कुल 1320 फ्लैट का काम शुरू हुआ। इनमें से अब भी 1156 का काम चल रहा है, जबकि 144 फ्लैट में तो काम शुरू ही नहीं हुआ।
भोपाल में 21 प्रोजेक्ट अधूरे
जिन फ्लैट में पुताई होने के साथ टाइल्स भी लग चुके थे, वहां अब सब उखड़ चुका है। यह अकेला प्रोजेक्ट नहीं है। भोपाल में ऐसे 21 प्रोजेक्ट अलग-अलग लोकेशन पर बनने हैं, लेकिन कोई प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार नहीं हुआ। इनकी कीमत लोकेशन के आधार पर 5.50 लाख से 55 लाख तक है। नगर निगम का दावा है कि 3 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, लेकिन हालत यह है कि वहां भी लोग पजेशन नहीं ले पा रहे हैं।
दो साल से भटक रहे हैं लोग
बागमुगालिया में 2 बीएचके फ्लैट के लिए 20 लाख निगम को दिए। 18 लाख का लोन है। 5 हजार किस्त भर रहे हैं और 8 हजार मकान किराया दे रहे हैं। पजेशन के लिए 2 साल से भटक रहे हैं।
मकान मिला नहीं, किस्त शुरू
बागमुगालिया में फ्लैट के लिए 6 लाख का लोन लिया। अब 5500 रुपए किस्त भर रहा हूं। इस उम्मीद में लोन लिया था कि खुद के घर में सुकून से रहेंगे, लेकिन अब तक मकान नहीं मिला।
अब तो हिम्मत भी नहीं बची
हिनौतिया आलम में 1 बीएचके फ्लैट लेने के लिए 7 लाख का लोन लिया। तीन साल से भटक रहे हैं। अब तो कोई सुनता भी नहीं और अब सुनाने की हिम्मत भी नहीं बची।
कलखेड़ा-भौंरी में पीएम आवास का प्रोजेक्ट तैयार नहीं
शहर में सभी 21 प्रोजेक्ट में गरीब सवर्ण ( EWS ) एलआईजी और एमआईजी के कुल 16 हजार 395 मकानों में से सिर्फ 11 हजार 128 का ही काम चल रहा है, जबकि 5267 में तो काम ही शुरू नहीं हुआ। इसके अलावा व्यावसायिक, डुप्लेक्स और सिंग्लेक्स की भी यही स्थिति है। कलखेड़ा में 280 ईडब्ल्यूएस में से 224, एलआईजी सिंग्लेक्स में से 80 के 80 अधूरे हैं। यहां कुल 879 में से 767 मकानों पर काम चल रहा है, जबकि 112 पर काम ही शुरू नहीं हो पाया है।