MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन (Metropolitan Region) के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस परियोजना का उद्देश्य केवल शहरी विकास नहीं, बल्कि क्षेत्रीय पर्यटन स्थलों को आपस में जोड़ना और उन्हें एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करना है।
इंदौर में शुरू, भोपाल में जल्द शुरू होगा काम
इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत इंदौर में काम शुरू हो चुका है, जबकि भोपाल में भी जल्द ही ज़मीनी कार्य शुरू होगा। इन दोनों शहरों के आसपास स्थित ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों को आधुनिक कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा।
250 किमी लंबा सर्किट जोड़ेगा पर्यटन स्थलों को
भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन के तहत सांची, कंकाली माता मंदिर, भोजपुर मंदिर, आशापुरी, भीम बेटका और देलावाड़ी घाटी जैसे प्रमुख स्थलों को एक 250 किमी लंबे पर्यटन रूट (Tourism Route) से जोड़ा जाएगा।
सांची से बैरसिया के तरावली वाला माता मंदिर और चिड़ीखो (Chidikho) तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य होगा, जिससे पर्यटकों को सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
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आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी
- हर प्रमुख स्थल पर शौचालय, रेस्ट रूम और पार्किंग जैसी मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
- पर्यटकों के ठहरने, ट्रैकिंग और स्थानीय अनुभवों के लिए हेरिटेज जोन और कैम्पिंग स्पॉट बनाए जाएंगे।
- सड़कों का चौड़ीकरण और सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जाएगी।
- चिड़ीखो और खरबई को संरक्षित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा
रायसेन रोड पर स्थित खरबई (Kharbai) और चिड़ीखो जैसे प्राकृतिक स्थलों को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाएगा। वर्तमान में इन स्थानों पर सीमित सुविधाएं हैं, लेकिन इस योजना के तहत यहां ट्रैकिंग ट्रेल्स, पर्यटक गाइड और ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
भोपाल के सभी ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों की बनेगी सूची
प्रदेश सरकार ने भोपाल मेट्रोपॉलिटन के भीतर आने वाले सभी धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों की सूची तैयार करना शुरू कर दिया है। इसमें शामिल हैं:
- सांची स्तूप (Sanchi Stupa)
- भोजपुर मंदिर (Bhojpur Temple)
- भीम बेटका गुफाएं (Bhimbetka Caves)
- रायसेन का किला (Raisen Fort)
- आशापुरी मंदिर समूह (Ashapuri Temples)
- राजगढ़ के जंगल और चिड़ीखो घाटी (Chidikho Valley)
- इछावर के जंगलों की गुफाएं (Ichhawar Caves)
इन स्थलों को आपस में जोड़ने से मध्य प्रदेश का सांस्कृतिक पर्यटन (Cultural Tourism) और प्राकृतिक पर्यटन (Eco Tourism) दोनों को बढ़ावा मिलेगा।