/sootr/media/media_files/2025/01/02/26bhewi5sJd3tBB7PUjR.jpg)
राजधानी भोपाल में जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में इनकम टैक्स के छापों की जद में आए खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका से आयकर विभाग ने देर रात तक पूछताछ की है। इसके साथ ही मामले में आयकर विभाग के लपेटे में आए त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के सर्वेसर्वा राजेश शर्मा की प्रॉपर्टी भी अटैच कर ली गई है। आपको बता दें कि इससे पहले आयकर विभाग ने 24 दिसंबर को भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के कुल 52 स्थानों पर छापेमारी की थी। इसमें करोड़ों रुपए नकद और कई लॉकर्स की जानकारी मिली थी। साथ ही, बड़ी संख्या में जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। इन दस्तावेजों में कई अफसरों, नेताओं, व्यापारियों और फिल्मी सितारों के नाम शामिल हैं।
कौन हैं महेंद्र गोयनका
महेंद्र गोयनका रायपुर बेस्ड खनन कारोबारी हैं। वह विभिन्न व्यवसाय क्षेत्रों में सक्रिय हैं, विशेषकर औद्योगिक और व्यापारिक क्षेत्रों में। भोपाल में आयकर की छापेमार कार्रवाई में कारोबारी का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद आरोप लगे थे कि छापे के बाद महेंद्र गोयनका अपनी पत्नी के साथ विदेश चले गए हैं। गोयनका पर राजधानी भोपाल में करोड़ों रुपये के निवेश के आरोप हैं। आपको बता दें कि आयकर विभाग की जांच में पता चला था कि गोयनका ने भोपाल के बिल्डर राजेश शर्मा के जरिए राजधानी में करीब 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है। यह इन्वेस्टमेंट भोपाल में बेनामी जमीनों की खरीदारी में किया गया है, जिसमें आयकर विभाग को शैल कंपनियों के जरिए टैक्स चोरी के भी संकेत मिले हैं। रायपुर, कटनी और जबलपुर में ये शैल कंपनियां बनाई गईं हैं, जिनके जरिए करोड़ों रुपए का रोटेशन किया गया है।
मीडिया के सामने आय थे गोयनका
कुछ दिन पहले खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका ने मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष रखा था। गोयनका ने बिल्डर राजेश शर्मा से अपनी दोस्ती और यूरोप में इन्वेस्टमेंट से लेकर तमाम सवालों के जवाब दिए। उन्होंने ने कहा, राजेश शर्मा से मेरी 365 दिन बात होती है। आज भी हुई, कल भी हुई थी। वे अच्छे हैं और घर में एन्जॉय कर रहे हैं। महेंद्र ने आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के नाम पर अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि वे सौरभ को नहीं जानते हैं। ये महज इत्तेफाक रहा कि जब इनकम टैक्स के छापे पड़े, तभी सौरभ पर भी कार्रवाई हुई।
'राजेश मेरे मित्र हैं'
विदेश जाने के सवाल पर महेंद्र गोयनका ने कहा, इनकम टैक्स की सर्च एक रूटीन प्रक्रिया है। मैं 16 दिसंबर को पत्नी के साथ विदेश गया था और 20 दिसंबर को वापस आ गया। मेरे विदेश दौरे से छापों का कोई लेना-देना नहीं है। राजेश शर्मा से रिश्तों पर गोयनका बोले, राजेश मेरे मित्र हैं, वे पारिवारिक सदस्य हैं। हम बिजनेस पाटर्नर नहीं हैं, मैंने उनके साथ इससे पहले कभी कोई कारोबार नहीं किया। मैं एक व्यापारिक घराने से हूं। मुझे किसी के साथ मिलकर ब्लैक मनी को व्हाइट करने की जरूरत नहीं है। मुझे किसी अधिकारी अथवा किसी व्यक्ति के पैसे भी बिलकुल जरूरत नहीं है। वहीं, बात सौरभ शर्मा की रही तो मेरी कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। मैं सौरभ को जानता भी नहीं हूं।
बढ़ सकती हैं राजेश शर्मा की मुश्किलें
आयकर विभाग के लपेटे में आए त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के सर्वेसर्वा राजेश शर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग ने राजेश शर्मा की प्रॉपर्टी भी अटैच कर ली है। इसके साथ ही आयकर विभाग अब राजेश शर्मा और किसानों के बीच हुए लेन- देन की सच्चाई की जांच कर रहा है। इसी सिलसिले में आयकर विभाग इंदौर में किसानों से पूछताछ कर रहा है। जहां पूछताछ में कुछ किसानों ने खुलासा किया है कि उनका राजेश शर्मा से लेन-देन किया है। जल्द ही यह साफ हो जाएगा कि राजेश शर्मा ने यह लेन- देन किसके लिए किया था।
किसानों ने किया था खुलासा
Thesootr को मिली जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की पूछताछ में कुछ किसानों ने कबूल किया है कि उन्होंने राजेश शर्मा से लेन-देन किया है। उसने कुछ पैसे नकद और कुछ ऑनलाइन दिए हैं। जाहिर है IT को हाथ सिरा आ चुका है, जल्द ही सारे धागे भी खुल सकते हैं।
क्या होता है प्रॉपर्टी अटैच करना
प्रॉपर्टी अटैच करना (Property Attachment) एक कानूनी प्रक्रिया होती है, जिसमें किसी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत उनकी संपत्ति (जैसे भूमि, घर, वाहन आदि) को जब्त कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य होता है कि न्यायालय के आदेश के अनुसार, कर्ज वसूलने, टैक्स चुकाने या किसी अन्य कानूनी दायित्व को पूरा करने के लिए उस संपत्ति को कब्जे में लिया जाए।
आमतौर पर कब की जाती है प्रॉपर्टी अटैच?
1. कर्ज वसूलने के लिए: यदि कोई व्यक्ति बैंक या वित्तीय संस्थान से कर्ज नहीं चुका रहा है, तो उनकी संपत्ति को अटैच किया जा सकता है।
2. टैक्स वसूलने के लिए: यदि किसी व्यक्ति पर सरकार का कोई बकाया हो, जैसे कि आयकर, संपत्ति कर, आदि, तो उनकी संपत्ति अटैच की जा सकती है।
3. कानूनी दायित्व के लिए: अदालत के आदेश पर प्रॉपर्टी अटैच की जाती है, जब किसी पक्ष की जिम्मेदारी पूरी न हो रही हो, जैसे अदालत से जुड़ा कोई मामला।
समयसीमा
प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया संबंधित कानूनी प्रावधानों के अनुसार पूरी की जाती है। इसे लेकर प्रक्रिया अलग-अलग मामलों में भिन्न हो सकती है। सामान्यत: कोर्ट द्वारा तय की गई समय सीमा के भीतर यह प्रक्रिया पूरी की जाती है।
आयकर विभाग कब अटैच करता है प्रॉपर्टी
आयकर विभाग प्रॉपर्टी अटैच करने की प्रक्रिया तब करता है जब किसी व्यक्ति या कंपनी पर कर चोरी, बकाया कर भुगतान या कर से जुड़ी अन्य अनियमितताएं पाई जाती हैं। आयकर विभाग के पास यह अधिकार होता है कि वह बकाए करों की वसूली के लिए संबंधित व्यक्ति की संपत्तियों को जब्त कर सके।
आयकर किस स्थिति में करता है प्रॉपर्टी अटैच
1. बकाया कर भुगतान न होने पर : यदि कोई व्यक्ति आयकर विभाग को लंबित कर (टैक्स) नहीं चुका रहा है, तो आयकर विभाग उसकी संपत्तियों को अटैच कर सकता है।
2. Assessment Order के बाद : यदि किसी व्यक्ति के खिलाफ आयकर अधिनियम के तहत छानबीन या कार्रवाई होती है और बकाया कर अदायगी के आदेश होते हैं, तो विभाग उस व्यक्ति की संपत्तियों को जब्त कर सकता है।
3. वसूली नोटिस के बाद : आयकर विभाग वसूली नोटिस जारी करने के बाद संपत्तियों को अटैच करने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है।
क्या प्रक्रिया होती है
-सुनवाई और नोटिस: विभाग संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजता है और उनसे बकाए कर का भुगतान करने के लिए समय देता है।
-समयसीमा में भुगतान न होने पर: यदि निर्धारित समय में कर की अदायगी नहीं होती, तो आयकर विभाग प्रॉपर्टी अटैच कर सकता है।
-कानूनी कार्रवाई: विभाग जब्त संपत्ति की नीलामी कर सकता है और कर की वसूली करता है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक