Bhopal IT Raid : जमीन के इस खेल में नेता-अफसर और बिल्डर सब खिलाड़ी

राजधानी भोपाल में आयकर विभाग की छापेमारी ने नेता-अफसर और बिल्डर के गठजोड़ को उजागर किया है। काले धन को सफेद करने के इस खेल में बड़े नाम शामिल हैं। इनमें एक बड़े अखबार मालिक के परिजन का नाम भी सामने आ रहा है...

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Raj Singh
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भोपाल में आयकर विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। जिनके यहां छापे पड़े हैं, उनमें ज्यादातर जमीन के कारोबार से जुड़े हुए बड़े नाम शामिल हैं। thesootr को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग की टीम को जो दस्तावेज मिले हैं, वे रिटायर्ड और वर्तमान IPS अधिकारियों की संलिप्तता की ओर इशारा कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि कैसे ये सफेदपोश काले खेल का हिस्सा बने हुए थे।

छापे के मुख्य बिंदु

  1. छापेमारी का स्थान

    • भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में एक साथ आयकर विभाग की रेड।

    • भोपाल के नीलबड़, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड और 10 नंबर मार्केट जैसे स्थानों पर कार्रवाई।

  2. त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी पर फोकस

    • त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के 52 ठिकानों पर छापेमारी।

    • जांच टीम को 10 लॉकर्स और भारी मात्रा में ज्वेलरी मिली।

  3. आयकर विभाग का अनुमान

    • बड़ी टैक्स चोरी की संभावना।

    • जमीन की खरीद-फरोख्त और कैश लेनदेन से जुड़े 10 दस्तावेज जब्त।

  4. अन्य कारोबारियों पर भी कार्रवाई

    • भोपाल में दीपक भावसार, विनोद अग्रवाल और रूपम सेबानी के यहां भी छापे।

    • ये सभी प्रॉपर्टी डीलिंग और होटल सेक्टर में इन्वेस्टमेंट करते हैं।

  5. कार्रवाई में शामिल अधिकारी

    • 500 अधिकारियों और CISF जवानों ने सुबह 6:45 बजे एक साथ रेड की।

    • ज्वेलरी का मूल्यांकन और टैक्स चोरी का आकलन अभी जारी है।

इन लोगों पर आयकर का एक्शन

सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग की टीमों ने इन बड़े नामों के यहां छापेमारी की:

  • राजेश शर्मा (कस्तूरबा नगर निवासी, कंस्ट्रक्शन कारोबारी और त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक)।
  • राजकुमार सिकरवार ( कंस्ट्रक्शन कारोबारी )
  • रामवीर सिंह सिकरवार ( कंस्ट्रक्शन कारोबारी )
  • विश्वनाथ साहू (रियल एस्टेट कारोबारी)
  • दीपक भावसार (पूर्व मंत्री के करीबी )
  • विनोद अग्रवाल (रियल एस्टेट कारोबारी)
  • प्रदीप अग्रवाल ( विनोद अग्रवाल के भाई )
  • रूपम सेबानी (रियल एस्टेट कारोबारी)
  • कुणाल अग्रवाल
  • अल्का अग्रवाल
  • वीरेंद्र पाल सिंह
  • हरदीप कौर
  • तेजींदर सिंह
  • सूरजीत कौर
  • राकेश शर्मा
  • किशोरी देवी शर्मा
  • संजय जैन
  • राधिका शर्मा
  • प्रेम नारायण शर्मा

Thesootr को मिली जानकारी के अनुसार, दीपक भावसार का नाम खास तौर पर चर्चा में है क्योंकि वह एक प्रभावशाली पूर्व मंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं। इसी तरह एक पूर्व मुख्य सचिव का नाम भी उछल रहा है। 

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सबके सब ऊंचे ओहदों के मालिक, लेकिन जमीनों के दीवाने

राजेश शर्मा -  त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा न केवल कंस्ट्रक्शन के धंधे में हैं, बल्कि भोपाल में क्रशर संचालकों के संगठन का नेतृत्व भी करते हैं। उनका नाम बिल्डर और जमीन के बड़े खेल में भी शामिल है।

दीपक भावसार -  पूर्व मंत्री के खास माने जाने वाले दीपक भावसार राजधानी के बेहद प्रतिष्ठित क्लब के अन ऑफिशियल संचालक हैं। यह भी पता चला है कि दीपक के माध्यम से ही भोपाल से संचालित एक बड़े अखबार समूह के परिवार के सदस्य का नाम भी प्राइम लोकेशन की जमीन के लेन-देन में शामिल है।

रूपम सेबानी - भोपाल के न्यू मार्केट में 400 करोड़ के होटल प्रोजेक्ट का मालिकाना हक रखने वाले रूपम सेबानी का नाम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से भी जुड़ा है।

विनोद अग्रवाल- प्रदीप अग्रवाल - दोनों भाई हैं, जो क्वालिटी बिल्डर के नाम से फर्म चलाते हैं। बता दें कि प्रदीप अग्रवाल भोपाल के चर्चित प्यारे मियां कांड में भी लिप्त था। उस पर भी नाबालिक लड़कियों के यौन शोषण मामले में FIR हुई थी।

भोपाल में मंत्री के और पूर्व मुख्य सचिव के करीबियों पर IT के छापे

नेता-अफसर-बिल्डर गठजोड़ का गंदा खेल

आयकर विभाग की कार्रवाई ने इस गठजोड़ को बेनकाब कर दिया है। नीलबड़ और रातीबड़ जैसे इलाकों में कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों, नेताओं और बिल्डरों की जमीनें हैं। ये जमीनें काले पैसे को सफेद करने के खेल का केंद्र बनी हुई हैं।

सबसे ज्यादा IPS अफसरों के नाम...

Thesootr पहले ही रिपोर्ट कर चुका है कि यह गंदा खेल सिर्फ जमीनें खरीदने तक सीमित नहीं है। बिल्डर जानबूझकर सस्ते दामों में जमीन खरीदते हैं और फिर उस पर कई गुना टैक्स चुकाकर काले धन को सफेद करते हैं। आयकर विभाग के हाथ लगे दस्तावेज इन आरोपों की पुष्टि कर रहे हैं। सैकड़ों फार्महाउस और जमीनों के रिकॉर्ड इस गहरी साजिश का पर्दाफाश कर रहे हैं। बड़ी बात यह भी सामने आ रही है कि सबसे ज्यादा IPS अफसरों के नाम जमीनों के मामले में सामने आ रहे हैं। 

सीएम राइज स्कूल का भी मिला था ठेका

खबरों के मुताबिक, त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक राजेश शर्मा की सत्ता पक्ष के कई नेताओं से खासी दोस्ती है। इसके चलते ही शर्मा को सीएम राइज स्कूलों के कंस्ट्रक्शन का भी काम से मिला है। रायसेन का सीएम राइज स्कूल शर्मा द्वारा ही बनाया जा रहा है। शर्मा पूर्व मंत्री रहे के करीबी बताए जाते हैं। बताया जा रहा है कि इसके अलावा स्टोन क्रेशर के कारोबार से भी शर्मा और उनके सहयोगियों ने मोटी कमाई की है।

FAQ

भोपाल जमीन घोटाला क्या है?
भोपाल में आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान नेता, अफसर और बिल्डरों के गठजोड़ से जुड़े दस्तावेज सामने आए हैं।
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी का इसमें क्या रोल है?
त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा का नाम जमीन घोटाले और काले धन के खेल में सामने आया है।
दीपक भावसार का नाम क्यों चर्चा में है?
दीपक भावसार एक पूर्व मंत्री के करीबी माने जाते हैं और भोपाल के बड़े बिल्डरों में से एक हैं।
आयकर विभाग को कौन-कौन से दस्तावेज मिले हैं?
फार्महाउस और जमीनों के रिकॉर्ड, जिनसे काले धन को सफेद करने की साजिश का खुलासा हुआ है।
यह घोटाला किन-किन क्षेत्रों में हुआ है?
नीलबड़, रातीबड़ और भोपाल के अन्य इलाकों में नेताओं और अफसरों की जमीनें इस घोटाले का केंद्र हैं।

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