अगर आप भी आम खाने के शौकीन हैं। तो मध्य प्रदेश के इस खास आम को खा सकते हैं। इस आम के आगे अल्फांसो ( Alphonso ) जैसे आम भी फीके पड़ जाते हैं। यह आम कोई और नहीं बल्कि रीवा का सुंदरजा ( Sundarja ) है। जिसकी डिमांड विदेशों तक में रहती है। इसके अलावा पातालकोट का जरदालू ( Jardalu ), आम्रपाली जैसे कई आम हैं। इसी के साथ आपको बता दें कि राजधानी में इन आमों का मेला लगा हुआ है।
मैंगो फेस्टिवल
जानकारी के मुताबिक भोपाल के बिट्टन मार्केट में मैंगो फेस्टिवल लगा हुआ है। यहा देश-प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आमों को बेचने के लिए किसान आ रहे हैं। इस महोत्सव में प्रदेश के 11 जिलों से कई प्रकार के आम आ रहे हैं। इसमें से एक सुंदरजा आम भी है।
सुंदरजा आम की खासियत
सुंदरजा आम को जीआई टैग प्राप्त है। इस आम की खासियत ये होती है कि इसमें फाइबर मौजूद नहीं होता है। ये आम शुगर के मरीज भी खा सकते हैं। देश विदेश में ये आम अपने अलग स्वाद और कई फायदों के लिए प्रसिद्ध है।
आमों का लगा मेला
इस महोत्सव में शहडोल के प्रसिद्ध आम्रपाली आम और मल्लिका आम भी आयेंगे। इसके साथ ही सतना का प्रसिद्ध शुगर फ्री सुंदरजा आम भी इसमें शामिल होगा।
सबसे महंगा और प्रसिद्ध आम नूरजहां आम भी महोत्सव में प्रदर्शनी में शामिल होगा। नूरजहां काफी महंगा और बड़ा आम होता है। एक आम दो से तीन किलो का होता है।
जिसका छिलका काफी पतला होता है और गुठली काफी छोटी। आम प्रेमियों को इस महोत्सव में अनोखे आमों का दीदार करने का अवसर मिलेगा।
इसके अलावा इस महोत्सव में चौसा, केसर, दशहरी और लंगड़ा आम भी शामिल होंगे। नाबार्ड के मुख्य प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि ये महोत्सव आदिवासियों को बाजार उपलब्ध करवाना और लोगों तक प्राकृतिक तरीके से पकाए आम पहुंचाना ही मुख्य उद्देश्य है।
आठ साल से लग रहा मेला
इस साल आम महोत्सव का आठवां संस्करण है। पिछले 8 साल से नाबार्ड की ओर से इस बाजार का आयोजन करवाया जा रहा है। इस माध्यम से प्रदेश के 11 जिलों के आदिवासियों को अपने आम को बेचने के लिए बाजार प्राप्त होता है। इन जिलों में रीवा, नर्मदापुरम, अलीराजपुर, झाबुआ, छिंदवाड़ा, शहडोल, सतना और इत्यादि जगह शामिल हैं।
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