BHOPAL. मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकारी स्कूलों की स्थिति और छात्रों की घटती संख्या को लेकर चिंता जताते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही जीतू पटवारी ने रीवा और सागर में दीवार गिरने से बच्चों की मौत पर निंदा करते हुए कहा कि यह मौत दुर्घटनाओं के कारण नहीं हुई बल्कि प्रशासन की उदासीनता के कारण बच्चों की हत्या है।
एमपी की सरकार पूरे देश से अलग सरकार
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने प्रेसवार्ता कर कहा कि जीतू पटवारी ने कहा कि मप्र की सरकार पूरे देश से अलग सरकार है, मध्य प्रदेश शायद देश का एकमात्र राज्य है, जहां दशक में स्कूली शिक्षा पर बजट दोगुना हो गया है। बजट 32 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, लेकिन सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 50 लाख कम हो गई। पिछले 10 साल में राज्य में जनसंख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन स्कूलों में छात्रों की संख्या में कमी आई है। पटवारी ने सरकार पर स्थिति पर विचार करने के बजाय कार्यक्रम आयोजित करने और अपना प्रचार-प्रसार करने में व्यस्त करने की आरोप लगाया।
स्कूलों की हालत खराब
पटवारी ने आगे सरकारी स्कूलों की स्थिति दयनीय बताते हुए बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बजट में 'उदार' वृद्धि के बावजूद सरकारी स्कूलों की हालत पिछले कुछ वर्षों में बद से बदतर हो गई है। आए दिन स्कूल से सटकर बहने वाले नाले, स्कूलों में गंदगी के कारण डेंगू जैसी बीमारियों के फैलने, पेड़ के नीचे कक्षाएं चलने, बिना भवन वाले स्कूल, बिना शिक्षक वाले स्कूल जैसी खबरें आती रहती हैं। दूर के इलाकों में स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं और शहरी इलाकों में जरूरत से कहीं ज्यादा शिक्षकों की तैनाती है। और मुख्यमंत्री इंवेट में व्यस्त रहते हैं। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग की स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की मांग की।
ये दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या
जीतू पटवारी ने कहा कि रीवा में जो घटना हुई है वह घटना-दुर्घटना नहीं, वह बच्चों की सरकारी हत्या है। रीवा में एक जर्जर दीवार गिरने से 4 बच्चों की अकाल मृत्यु बेहद दर्दनाक है। ऐसे ही सागर में बच्चों के साथ जो दुर्घटना हुई वह प्रशासन की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण ओर क्या हो सकता है। सागर में दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई और 4 बच्चे जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एमपी में 3 सी- क्रेडिट, करप्शन और क्राइम वाली सरकार है। बीजेपी नेता और अधिकारी पैसा कमाने में व्यस्त हैं। राज्य सरकार कर्ज मांग रही है और कर्ज लेकर कार्यक्रम आयोजित कर रही है।
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