निजी स्कूलों को कलेक्टर का आदेश, यूनिफॉर्म-बुक्स का दबाव डाला तो FIR

भोपाल कलेक्टर ने निजी स्कूलों को आदेश दिया है कि वे 15 जनवरी तक पाठ्यपुस्तकों और अन्य सामग्रियों की सूची सार्वजनिक करें। अभिभावकों को विशेष दुकानों से खरीदारी के लिए बाध्य न किया जाए।

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Sandeep Kumar
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राजधानी भोपाल में निजी स्कूलों के अभिभावक यह शिकायत कर रहे हैं कि स्कूल उन्हें विशेष दुकानों से पाठ्यपुस्तकें, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। इस मुद्दे को लेकर भोपाल कलेक्टर, कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने प्रशासनिक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने स्कूलों को चेतावनी दी है कि वे 15 जनवरी तक पाठ्यपुस्तकों की सूची सार्वजनिक करें और प्रवेश संबंधी जानकारी भी दें, नहीं तो FIR होगी।कलेक्टर ने आइस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया है, ताकि अभिभावकों और छात्रों के बीच तनाव पैदा न हो। 

निजी स्कूलों में बढ़ते विवाद 

भोपाल में निजी स्कूलों के खिलाफ अभिभावकों की ओर से यह शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं कि स्कूल उन्हें कुछ विशेष दुकानों से सामग्री खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। इस शिकायत को लेकर अभिभावकों के बीच रोष देखा जा रहा है और कई बार इस कारण तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो चुकी है।

कलेक्टर का हस्तक्षेप 

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस मुद्दे पर गंभीरता से हस्तक्षेप किया है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए कहा है कि सभी स्कूलों को 15 जनवरी तक अपनी पाठ्यपुस्तकों की सूची सार्वजनिक करनी होगी और साथ ही प्रवेश की प्रक्रिया को भी स्पष्ट करना होगा।

निजी स्कूलों में बिक्री के आरोप 

सूत्रों के अनुसार, कलेक्टर ने कहा कि विभिन्न जानकारी से यह पता चलता है कि कई स्कूलों में प्रबंधन खुद ही पुस्तकों, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री की बिक्री करता है, या फिर छात्रों को विशेष दुकानों से खरीदारी करने के लिए मजबूर करता है। इस तरह की प्रथाओं से अभिभावकों और छात्रों में असंतोष बढ़ सकता है।

प्रशासन का आदेश और दिशा-निर्देश 

कलेक्टर ने यह स्पष्ट किया कि यदि निजी स्कूलों द्वारा इस प्रकार की गतिविधियां जारी रहीं, तो इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, सभी निजी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अभिभावकों को स्वतंत्रता से सामान खरीदने का विकल्प दें और किसी विशेष दुकान से सामान खरीदने के लिए बाध्य न करें।

भोपाल कलेक्टर के जारी आदेश के प्रमुख बातें

1. भोपाल जिले में संचालित समस्त अशासकीय विद्यालय, जो माध्यमिक शिक्षा मण्डल/ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा आईसीएसई बोर्ड से सम्बद्ध हैं। इन समस्त विद्यालयों को मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण 2 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशो का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। 

2. सभी अशासकीय विद्यालयों के लिए यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार 'पुस्तको की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सके। 

3. किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नही होना चाहिए। विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जाए कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नहीं है। कही से भी पुस्तकें, यूनिफार्म व अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है।

4. पुस्तकों के अतिरिक्त शालाओं द्वारा यूनीफार्म, टाई, जूते, कापियों आदि भी उन्ही की शालाओं से उपलब्ध विक्रय कराने का प्रयास नहीं किया जाएगा। विद्यालय के गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगा।

5. विद्यालय द्वारा उनके यहां संचालित कक्षाओं में पढाई जाने वाली पुस्तकें, बिना पाठ्यकम परिवर्तन हुए विगत वर्ष की प्रचलित पुस्तकों एवं प्रकाशकों को परिवर्तित कर प्रतिवर्ष उनके स्थान पर मंहगी पुस्तकें खरीदने के लिए पालकों पर दबाव बनाया जाता है।

6. निजी विद्यालय प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेगा ।

7. प्रत्येंक विद्यालय में कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया एवं प्रवेश किस दिनांक से दिनांक तक होगें की सूचना का प्रचार प्रसार करना अनविार्य होगा। जिससे पालकों एवं प्रवेश कराने वाले पालकों तक सूचना प्राप्त हो सकें।

8. संबंधित क्षेत्र के एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराएंगे। 

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