मध्य प्रदेश में बड़ा स्कॉलरशिप घोटाला, 40 स्कूलों-मदरसों ने फर्जी छात्रों के नाम पर निकाले लाखों रुपए

भोपाल में 40 संस्थानों के खिलाफ बड़ा स्कॉलरशिप घोटाला सामने आया है। इसमें 972 फर्जी छात्रों के नाम पर लाखों रुपए की राशि गलत तरीके से निकाली गई।

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Amresh Kushwaha
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भोपाल में एक बड़ी स्कॉलरशिप धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। इसमें 20 निजी स्कूलों और 20 मदरसों ने सरकार की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना का गलत फायदा उठाया। इन संस्थानों ने 972 फर्जी छात्रों के नाम पर सरकारी खजाने से कुल लाखों रुपए की राशि निकाल ली। इस घोटाले (Scam) को लेकर पुलिस ने एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली है। वहीं जांच में कई गंभीर मामले सामने आ रहे हैं।

फर्जी छात्रों के नाम पर निकाली गई रकम

शुरुआत में यह मामला पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग (Backward and Minority Welfare Department) की शिकायत पर सामने आया। जांच में पाया गया कि शैक्षणिक सत्र 2021-2022 के दौरान इन संस्थानों ने स्कॉलरशिप पोर्टल (Scholarship Portal) पर 972 ऐसे छात्रों का पंजीकरण किया था, जो असल में किसी भी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ाई नहीं कर रहे थे। इन छात्रों के नाम पर शासन से 57 लाख से ज्यादा की रकम निकाल ली गई। यह रकम असल में वास्तविक छात्रों के लिए आवंटित थी।

जानें क्यों और कैसे हुआ घोटाला?

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा भोपाल जिले की 83 शिक्षण संस्थाओं को रेड फ्लैग से चिह्नित किया गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इन संस्थाओं का निरीक्षण कराया, जिससे घोटाले का पर्दाफाश हुआ।

निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि 20 निजी स्कूलों और 20 मदरसों ने नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर पंजीकरण कराकर 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के नाम पर छात्रवृत्तियां निकाली थीं।

इन संस्थाओं की मान्यता केवल आठवीं और दसवीं कक्षा तक की थी। लेकिन उन्होंने 11वीं-12वीं के छात्रों का पंजीकरण किया था। इन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्तियां निकाली जा रही थीं, जबकि असल में ये छात्र दूसरे स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे।

40 संस्थानों पर एफआईआर

इस मामले में पुलिस ने 40 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन संस्थानों ने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार के साथ मिलकर यह घोटाला अंजाम दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन संस्थानों के प्रबंधन, नोडल अधिकारियों (Nodal Officers) और प्रमुखों (Heads) की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

सभी आरोपियों की होगी गिरफ्तारी

पुलिस ने इस मामले में जांच को और गहनता से बढ़ा दिया है। यह भी देखा जा रहा है कि क्या इन संस्थानों ने दस्तावेजों में कोई छेड़छाड़ की थी, जिससे फर्जी छात्रों के नाम को सही ठहराया जा सके। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इस घोटाले में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

खबर की मुख्य बातें:

  • 40 शिक्षण संस्थानों ने 972 फर्जी छात्रों के नाम पर 57 लाख 78 हजार 300 रुपए की स्कॉलरशिप राशि निकाली।

  • यह घोटाला अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के तहत किया गया था।

  • पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसमें संस्थानों के प्रबंधन और अधिकारियों की भूमिका पर गौर किया जा रहा है।

  • घोटाले की मुख्य जांच दस्तावेजों में छेड़छाड़ और अवैध गतिविधियों पर केंद्रित है।

  • पुलिस जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी में है।

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