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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दशहरा मैदान में इन दिनों भोपाल उत्सव मेला का आयोजन किया जा रहा है, जहां हर रोज हजारों की संख्या में लोग मनोरंजन और खरीदारी के लिए पहुंच रहे हैं। इस बार मेले में आयोजित एक डांस परफॉर्मेंस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे आयोजन को विवादों में घेर लिया है। वीडियो में एक विदेशी युवती छोटे कपड़े पहनकर बॉलीवुड गाने 'ओ साकी साकी' पर डांस करती नजर आ रही है। इस प्रदर्शन के दौरान मंच पर छोटे-छोटे बच्चे भी मौजूद थे, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन में कोई नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी नहीं है।
सोशल मीडिया पर भी मचा बवाल
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों की नाराजगी खुलकर सामने आने लगी। बड़ी संख्या में लोग इसे अश्लीलता और सांस्कृतिक पतन की मिसाल बता रहे हैं। एक ओर जहां मेले को भोपाल की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक माना जाता है, वहीं इस तरह के प्रदर्शन ने इसकी छवि को धूमिल कर दिया है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, "क्या हमारे बच्चों को यह सिखाने का समय आ गया है कि सार्वजनिक मंच पर इस तरह की अश्लीलता अब स्वीकार्य है?" वहीं, कुछ लोगों ने इस घटना को भारतीय संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ बताया है। विरोध जताने वालों में सिर्फ आम लोग ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता और अभिभावक भी शामिल हैं। एक अन्य नागरिक ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "यह न केवल अशोभनीय है, बल्कि हमारे बच्चों के लिए एक गलत उदाहरण पेश करता है। ऐसे आयोजनों पर सख्त निगरानी होनी चाहिए।"
मेला प्रशासन और आयोजकों की चुप्पी
भोपाल उत्सव मेला भोपाल नगर निगम के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसे शहर के सबसे बड़े आयोजनों में से एक माना जाता है, जिसमें हर साल देश और विदेश से कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। हालांकि, इस बार मेला प्रशासन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि इस डांस परफॉर्मेंस को अनुमति कैसे दी गई और क्या कार्यक्रम से पहले इसकी कोई समीक्षा नहीं की गई थी।आयोजकों की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जब उनसे संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस मामले को तूल न देने की बात कही। हालांकि, इस चुप्पी ने आम जनता और विरोध करने वाले संगठनों की नाराजगी को और बढ़ा दिया है।
संस्कृति और मनोरंजन के बीच संतुलन पर खड़ा हुआ सवाल
भोपाल उत्सव मेला को भोपाल की सांस्कृतिक पहचान और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है। यहां पारंपरिक नृत्य, लोक कला, हस्तशिल्प, और संगीत के जरिए शहर की जनता को मनोरंजन और संस्कृति का मेल देखने को मिलता है। लेकिन इस बार विवादित डांस परफॉर्मेंस ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मनोरंजन के नाम पर हर चीज जायज है? आयोजन में छोटे-छोटे बच्चे और परिवार बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। ऐसे में इस तरह के प्रदर्शन को लेकर यह बहस शुरू हो गई है कि आयोजनों की सामग्री को लेकर पहले से सख्त दिशा-निर्देश क्यों नहीं बनाए जाते। क्या भोपाल जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व वाले शहर में इस तरह के प्रदर्शन उचित हैं?
प्रशासन पर कार्रवाई अब का दबाव
घटना के बाद भोपाल के कई सामाजिक संगठन और स्थानीय अभिभावक खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने जिला प्रशासन और मेला प्रबंधन से मांग की है कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। संगठनों का कहना है कि अगर इस बार मेला प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, तो यह एक खतरनाक मिसाल बन सकती है। भोपाल में ऐसे मेलों को आमतौर पर परिवारों के लिए सुरक्षित मनोरंजन के केंद्र के रूप में देखा जाता है। लेकिन इस बार की घटना ने आयोजकों और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संवेदनशील मुद्दा या बढ़ी-चढ़ी प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद ने मनोरंजन और सांस्कृतिक सीमाओं के बीच संतुलन की बहस को फिर से शुरू कर दिया है। जहां कुछ लोग इसे केवल एक नृत्य प्रस्तुति मानकर विवाद को अनावश्यक बता रहे हैं, वहीं अन्य इसे भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का अपमान कह रहे हैं। इस तरह की घटनाओं के लिए आम जनता का मानना है कि ऐसे आयोजनों में कंटेंट और प्रदर्शन की समीक्षा जरूरी होनी चाहिए। खासकर तब, जब कार्यक्रम में बच्चे और परिवार शामिल हों।
अब यह देखना होगा कि स्थानीय प्रशासन और मेला प्रबंधन इस विवाद पर क्या कदम उठाते हैं। क्या मेले के आयोजकों पर कोई कार्रवाई होगी, या इसे एक सामान्य घटना मानकर भुला दिया जाएगा? इस घटना ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि क्या मनोरंजन के नाम पर सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का उल्लंघन स्वीकार्य है? भोपाल जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से समृद्ध शहर में इस तरह के आयोजनों ने एक गहरी बहस को जन्म दिया है। जनता अब एक सशक्त और जिम्मेदार कार्रवाई की उम्मीद कर रही है, ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सके।
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