सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, फैमिली पेंशन के नियमों में बदलाव

मध्य प्रदेश की मोहन सरकार कई सालों बाद अपने नियमित कर्मचारियों और 4 लाख से ज्‍यादा पेंशनभोगियों से जुड़े पेंशन और सेवा नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल केंद्र सरकार ने पेंशन नियमों में बदलाव किया है। इस संबंध में Pensioners Welfare Department (पेंशनभोगी कल्याण विभाग ) ने निर्देश जारी किया है। सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद फैमिली रिकॉर्ड से बेटियों का नाम हटा नहीं सकते। केंद्र सरकार (Central government ) की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government ) भी अपने नियमों में बदलाव करने जा रही है। 

मध्य प्रदेश में जल्द मिलेगी पेंशन 

मध्य़ प्रदेश में पेंशन के नियमों में 4 सदस्यीय समूह का गठन किया जाएगा। इन नियमों की समीक्षा करके रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले 1976 के पेंशन नियमों में संशोधन किया जाएगा। बता दें कि कर्मचारी आयोग ने अपनी रिपोर्ट (MP Government Updates) पहले ही सरकार को सौंप दी है, जिसमें केवल निर्णय लिया जाना बाकी है। समूह के गठन का प्रस्ताव इसी महीने है, ताकि यह काम शीघ्रता से शुरू हो सके।

केंद्र के समान नहीं हैं कुछ नियम

भारत सरकार पेंशन नियमों (Pension Rules ) में कई बदलाव कर चुकी है। जिसमें 25 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित पुत्री, विधवा, को परिवार पेंशन (family pension ) देने का प्रावधान शामिल है। हालांकि मध्य प्रदेश (MP Government Updates) में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। जिससे इन श्रेणियों में आने वाले पेंशनभोगियों (pensioners ) को लाभ नहीं मिल पाता है। इस पर विभाग ने पेंशन संचालनालय (Pension Directorate ) से भी अभिमत मांगा था, जो समय पर उपलब्ध करा दिया गया था। इसके बावजूद, अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

लंबे समय ने नहीं बढ़ा HRA

प्रदेश में कर्मचारियों को मिलने वाले हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सहित अन्य भत्तों में लंबे समय से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके लिए तत्कालीन वित्त सचिव अजीत कुमार ने अध्ययन करके रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चली गई। विभिन्न संवर्ग के कर्मचारियों के वेतनमान (Employee Benefits) में विसंगतियों को लेकर कर्मचारी संगठन कई बार आवाज़ उठा चुके हैं। इसके अलावा सेवा भर्ती संबंधी नियमों में भी बदलाव की आवश्यकता है। हालांकि, प्रदेश में कर्मचारी आयोग मौजूद है, लेकिन वह क्रियाशील नहीं है, जिससे इन मुद्दों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

बनेगा 4 सदस्‍यीय समूह 

मध्य प्रदेश में कर्मचारी आयोग में वर्तमान में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए अब एक चार सदस्यीय समूह का गठन किया जा रहा है। इस समूह में ऐसे अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें विभिन्न प्रशासनिक पदों (administrative positions ) पर काम करने का अनुभव हो। यह समूह 1 साल के अंदर पेंशनरों और कर्मचारियों ( Pension Rules) से जुड़े सभी सेवा नियमों का परीक्षण करेगा और आवश्यक संशोधन प्रस्तावित करेगा। 

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