जबलपुर बीजेपी के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू का जन्मदिन इस बार विवादों में आ गया है। जन्मदिन के जश्न के दौरान हर्ष फायरिंग का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें प्रभात साहू राइफल से गोली चलाते नजर आ रहे हैं। यह घटना शहर के प्रमुख इलाके में सड़क पर समर्थकों के बीच हुई। यहां पर प्रभात साहू ने जन्मदिन के मौके पर नियमों की अनदेखी करते हुए हर्ष फायर किया।
हर्ष फायर का वीडियो वायरल
जन्मदिन के उत्सव में न केवल प्रभात साहू बल्कि, उनके कई समर्थक भी हर्ष फायर करते हुए देखे गए। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि उत्सव के बीच सुरक्षा नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं, जिससे जनसुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जनता और विपक्षी दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की है।
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— TheSootr (@TheSootr) October 4, 2024
सरेराह हुई नियमों की अवहेलना
भारत में सार्वजनिक स्थानों पर हर्ष फायरिंग गैरकानूनी मानी जाती है, क्योंकि यह न केवल जनता की सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा करती है। हर्ष फायर के दौरान अनियंत्रित गोलियों से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, जिससे जान-माल का नुकसान हो सकता है। अगर पुलिस द्वारा वीडियो की जांच की जाती है तो प्रभात साहू सहित उनके समर्थकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना भी है।
महापौर भी रह चुके हैं प्रभात साहू
भाजपा के नगर अध्यक्ष प्रभात साहू जबलपुर के कद्दावर नेताओं में से एक हैं और पूर्व महापौर रह चुके हैं। ऐसे में इस घटना ने न केवल शहर बल्कि, पूरे प्रदेश में हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे कानून के साथ खिलवाड़ और प्रशासनिक विफलता करार दिया है। कांग्रेस के नेताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे 'अराजकता की स्थिति' बताया और कहा कि भाजपा के नेता कानून से ऊपर होने का भ्रम पाल रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे एक गंभीर अपराध मान रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे केवल उत्सव का हिस्सा कहकर नजरअंदाज किया। हालांकि, अधिकांश लोगों ने ऐसे कृत्यों की कड़ी आलोचना की है और इसे सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।
क्या पुलिस करेगी इस पर कार्रवाई
अब इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस प्रशासन भारतीय जनता पार्टी के नगर अध्यक्ष पर कार्रवाई करने की हिम्मत रखती है। यदि इस फायरिंग में लाइसेंसी बंदूक का भी इस्तेमाल किया गया तो भी आत्मरक्षा के लिए मिले लाइसेंसी हथियार का भी इस तरह प्रदर्शन नहीं किया जा सकता। ऐसे जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति को भी यह शोभा नहीं देता। जबलपुर में इस घटना ने कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस पर कैसे प्रतिक्रिया देगा और क्या कानूनी कदम उठाए जाएंगे।