भोपाल. कांग्रेस तोड़ने में जुटी बीजेपी को पूर्व सीएम कमलनाथ के करीबी को अपने पाले में लाने में सफलता नहीं मिल सकी है। सीएम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बन सकी। इसी को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी प्रयास किए। बात हो रही है पूर्व प्रोटेम स्पीकर और पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता दीपक सक्सेना की।
चुनाव बाद जा सकते हैं बीजेपी में
सूत्रों का कहना है कि दीपक सक्सेना ने चुनाव के बीच में कमलनाथ ( Kamal Nath ) का साथ छोड़ने से इनकार कर दिया है। इसलिए अब कयास लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद वह बीजेपी ( BJP ) का दामन थाम सकते हैं। दीपक सक्सेना का छोटा बेटा पहले ही बीजेपी का दामन थाम चुका है। बड़ा बेटा कांग्रेस में हैं। दो दिन पहले दीपक सक्सेना ने बयान देकर कहा था कि वे कमलनाथ के साथ हैं और रहेंगे। इसके बाद वे नकुलनाथ के नामांकन में प्रस्तावक बनने वाले थे, लेकिन नामांकन के ठीक पहले सक्सेना गायब हो गए। वे नामांकन रैली में दिखाई नहीं दिए और न ही नामांकन के समय पहुंंचे। इन सब बातों को देखकर कयास लगाए जा रहे थे कि उन्होंने बीजीपी ज्वॉइन कर ली है।
दीपक ने नहीं खोले सारे पत्ते
दीपक सक्सेना के निवास पर 10-12 मिनट बंद कमरे में मेल मुलाकात करने के बाद बाहर निकले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं सिर्फ मिलने आया हूं। दीपक सक्सेना के बीजेपी में शामिल होने को लेकर वे कुछ नहीं बोले। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी दीपक सक्सेना की ज्वॉइनिंग को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। इस मामले में दीपक सक्सेना ने भाजपा में जाने को लेकर कहा कि अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। दीपक सक्सेना के बेटे अजय ने कहा कि भाजपा में मेरी ज्वॉइनिंग के बाद मेरे अनुरोध पर मुख्यमंत्री,प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्रीद्वय मेरे निवास आए थे। मेरे पिता की भाजपा में ज्वॉइनिंग का आज कोई मुद्दा ही नहीं था।
दीपक सक्सेना ने ज्वॉइन नहीं की बीजेपी