New Update
/sootr/media/media_files/2025/04/28/eHwGzUiiHjpfO3NhzRad.jpg)
/
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने साफ कर दिया है कि सरकार या मंत्रियों पर बेतुकी बयानबाजी, संगठन में अनुशासनहीनता, बिना सहमति के निर्णय लेना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता या बेतुके निर्णय पार्टी की नीति के खिलाफ हैं। संगठन की मंजूरी के बिना किसी भी स्तर पर कोई बदलाव अब स्वीकार्य नहीं होगा। यह कदम पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया जा रहा है
सागर महापौर संगीता तिवारी ने मेयर इन काउंसिल (Mayor-in-Council) में बदलाव के मामले में बिना प्रदेश नेतृत्व की अनुमति के कदम उठाया था। इसके लिए उन्हें पार्टी से कारण बताओ नोटिस मिला। तिवारी ने लिखित में माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी और आगे से ऐसी गलती नहीं दोहराएंगी। सफाई देते हुए तिवारी ने बताया कि मेयर इन काउंसिल के निरीक्षणों में दौरान लगातार अनुपस्थित रहने वाले एक वरिष्ठ सदस्य को हटाया गया और एक नया सदस्य जोड़ा गया। हालांकि, प्रदेश संगठन की अनुमति के बिना यह निर्णय लेना नियमों के खिलाफ था।
मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल और पिछोर विधायक प्रीतम लोधी को भी संगठन से फटकार मिली। प्रदीप पटेल लगातार थानों में धरने और धमकी भरे बयान देकर पार्टी की छवि बिगाड़ रहे थे। वहीं प्रीतम लोधी ने ऊर्जा मंत्री के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे पार्टी की किरकिरी हुई। संगठन के फटकार के बाद दोनों ने चुप्पी साध ली है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, सागर, देवास और बीना जैसे नगरीय निकायों (Urban Bodies) में जहां भी बिना अनुमति बदलाव किए गए हैं, उन्हें रिवर्ट किया जाएगा। देवास में महापौर गीता दुर्गेश अग्रवाल ने बिना सहमति एमआईसी में दो पुरुष पार्षदों को हटाकर दो महिला पार्षदों को जोड़ा। बीना में भी अध्यक्ष लता सकवार ने अपनी मर्जी से पीआईसी सदस्यों में बदलाव किया। सभी मामलों में संगठन ने स्पष्ट किया कि नियमों का पालन अनिवार्य है।
thesootr links