राजनीतिक दबदबा और रसूख रखने वाले लोगों के तो अपने नाम सुने होंगे पर क्या आपने कभी सुना है कि आधार कार्ड भी रसूखदार हो सकता है। जी हां मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पूर्व मंत्री जी का आधार कार्ड खुद में अपना रसूख़ रखता है और रसूख भी ऐसा वैसा नहीं। केवल आधार कार्ड की कॉपी देखकर ही एसडीएम से लेकर तहसीलदार तक नियम विरुद्ध आदेश तक पारित करने को मजबूर हो जाते हैं।
पिता के नक्शे कदम पर बेटा
इस रसूखदार आधार कार्ड के मालिक हैं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू। पूर्व मंत्री जी ने अपने रसूख का पूरा इस्तेमाल करने के लिए अपने आधार कार्ड में नाम के आगे ही पूर्व मंत्री मध्य प्रदेश शासन लिखवा लिया है। इस तरह अब आधार कार्ड में उनका नाम एक्स मिनिस्टर मप्र शासन हरेंद्रजीत सिंह बब्बू है। अब जब पूर्व मंत्री जी के आधार कार्ड में उनका दबदबा झलक रहा था तो उनके पुत्र भी कहां पीछे रहने वाले थे। हरेंद्रजीत सिंह बब्बू (नय्यर ) के बेटे प्रब सिमर सिंह नय्यर ने भी अपने आधार कार्ड में पिता के नाम की जगह पर एक्स मिनिस्टर मध्य प्रदेश शासन हरेंद्र जीत सिंह नय्यर लिखवा रखा है।
आधार के दबदबे से होते हैं काम
भाजपा के पूर्व मंत्री ने अपने आधार कार्ड को ही रसूखदार विजिटिंग कार्ड बना दिया है। मंत्री जी की प्रॉपर्टी से लेकर ट्रांसपोर्ट मे चल रही गाड़ियों के परमिट तक जहां भी यहां आधार कार्ड लगता है। वहां अधिकारी सतर्क हो जाते हैं और मंत्री जी के रसूख का उन्हें फायदा मिलता है। आलम यह है कि जबलपुर की गोरखपुर तहसील में तहसीलदार ने उप पंजीयक कार्यालय के आदेश को ही दरकिनार करते हुए मंत्री जी की एक प्रॉपर्टी पर उनके हक़ में नामांतरण कर दिया।
ऐसे सामने आया मामला
नवीन कुमार गुप्ता की गोरखपुर तहसील के अंतर्गत मौज सगड़ा में लगभग डेढ़ एकड़ जमीन है। यह जमीन नवीन कुमार गुप्ता की पारिवारिक जमीन है जो उनके पिता ने 2008 मे खरीदी थी। पर साल 2010 में विनोद कुमार सोनकर ने इस जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की जिसके बाद से नवीन गुप्ता और विनोद कुमार सोनकर के बीच इस जमीन को लेकर न्यायालय में मामला लंबित है। साल 2021 में जिला पंजीयक कार्यालय के द्वारा एक पार्टनरशिप फर्म के नाम पर इस जमीन की रजिस्ट्री कर दी गई। हरमन बिल्डकॉन नाम की या फर्म पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू उनके बेटे और विनोद कुमार सोनकर की पार्टनरशिप फर्म थी। इसके बाद नवीन कुमार गुप्ता के द्वारा इस रजिस्ट्री में लगाए गए दस्तावेजों की जानकारी आरटीआई के माध्यम से मांगी गई जिसमें या सामने आया कि पूर्व मंत्री सहित उनके बेटे ने भी आधार कार्ड पर एक्स मिनिस्टर मप्र शासन लिखवा रखा है।
मंत्रीजी के दबाव में तहसीलदार भी
दिसंबर 2021 में जिला पंजीयन कार्यालय के द्वारा की गई इस जमीन की रजिस्ट्री के मामले में जब नवीन कुमार गुप्ता ने न्यायालय में इस मामले की लंबित होने की जानकारी पत्र के द्वारा जिला पंजीयन को दी तो उप पंजीयक जबलपुर ने तहसीलदार को एक आदेश जारी किया जिसमें अदालत के द्वारा इस मामले में स्थगन को देखते हुए नामांतरण पर रोक लगाने के आदेश तहसीलदार को दिए गए। 31 दिसंबर 2021 को जारी किए गए इस पत्र के बावजूद भी साल 2022 में गोरखपुर तहसीलदार ने पूर्व मंत्री की कंपनी हरमन बिल्डकॉन के नाम पर इस जमीन का नामांतरण कर दिया। तहसीलदार ने इस आदेश में उप पंजीयक के रोक लगाने के आदेश कभी जिक्र किया पर आगे लिखा कि न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी गोरखपुर ने इस प्रकरण में भूमि की कैफियत में दर्ज कि विवरण को देखने में क्या चूक हुई या किसी निषेधाज्ञा के आधार पर यह नामांतरण ना किया जाए इसका स्पष्ट हवाला इस पत्र में नहीं है। इसके साथ ही तहसीलदार ने हरमन बिल्डकॉन के हिस्सेदार विनोद कुमार सोनकर के नाम पर भूमि का 5% हरेंद्र सिंह नय्यर के नाम पर 15% और प्रब सिमर नय्यर के नाम पर 80% भूमि का नामांतरण आदेश जारी कर दिया।
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