जबलपुर के पाटन से भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि पूरी सरकार ही शराब ठेकेदारों के सामने दंडवत है।
मध्य प्रदेश की राजनीति में शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच संबंधों को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मऊगंज के विधायक के बाद अब जबलपुर के विधायक अजय विश्नोई ने भी इस मुद्दे पर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए ट्वीट किया है। अजय विश्नोई ने अपने ट्वीट में आरोप लगाया कि सरकार शराब ठेकेदारों के सामने झुक रही है और उनके हितों की रक्षा में जुटी हुई है।
अजय विश्नोई ने एक्स पर किया पोस्ट
जबलपुर के भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने अपने ट्वीट में भाजपा विधायक प्रदीप पटेल का समर्थन करते हुए लिखा, प्रदीप जी आपने सही मुद्दा उठाया पर क्या करें पूरी सरकार ही दंडवत है शराब ठेकेदारों के आगे।
दरअसल लंबे समय से यह आरोप लग रहे हैं कि प्रदेश की नीतियों का संचालन शराब कारोबारियों के अनुसार हो रहा है, जो जनता के हितों के खिलाफ है। इस ट्वीट से स्पष्ट होता है कि विधायक विश्नोई शराब ठेकेदारों के इशारों पर चल रही सरकार को चेताते हुए, सरकार की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।
मऊगंज से भाजपा विधायक लोट गए थे पुलिस के सामने
बीते दिनों एक वीडियो सामने आया था जिसमें विधायक प्रदीप पटेल पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पहुंचकर गुंडों से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए एसपी और एडिशनल एसपी के सामने दंडवत हो गए हैं।
वायरल वीडियो में विधायक प्रदीप पटेल एडिशनल एसपी के सामने दंडवत होकर जमीन पर लेटते हुए नजर आ रहे थे। वे ASP अनुराग पांडेय के ऑफिस में हाथ जोड़कर कह रहे थे कि आप मुझे मरवा दीजिए। अनुराग पांडेय कुछ समझ पाते इसके पहले ही प्रदीप पटेल सीधे जमीन पर दोनों हाथ जोड़कर लेट गए। इसके बाद वह सीधे एसपी रसना ठाकुर के पास पहुंचे, जहां उन्होंने एक पत्र सौंपते हुए जिले में नशा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। रसना ठाकुर ने बताया था कि विधायक मऊगंज प्रदीप पटेल आए थे। उन्होंने एक पत्र सौंपा है और नशा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
सरकार और ठेकेदारों का संबंध
मध्य प्रदेश में शराब नीति को लेकर सरकार और ठेकेदारों के संबंध लंबे समय से चर्चा में रहे हैं। यह विवाद तब और बढ़ गया जब विपक्षी नेताओं ने दूर सरकार के ही विधायकों ने सरकार पर ठेकेदारों के पक्ष में निर्णय लेने का आरोप लगाया। आलोचकों का कहना है कि प्रदेश की आर्थिक नीतियों और राजस्व संग्रह में शराब कारोबारियों का प्रभाव काफी बढ़ गया है, जिससे जनता प्रभावित हो रही है।
सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर जनता भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे रही है। लोग विधायकों की बातों का समर्थन करते हुए सरकार से शराब ठेकेदारों पर लगाम लगाने और जनता के हितों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। शराब ठेकेदारों को मिली छूट को लेकर विधायकों की आलोचना ने मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। अजय विश्नोई और मऊगंज विधायक के बयानों से यह साफ है कि प्रदेश की शराब नीति और सरकार के निर्णयों पर सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और कैसे इस विवाद को सुलझाती है।
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