खाद संकट पर भिंड के बीजेपी विधायक नरेंद्र कुशवाह और कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव भिड़े

भिंड में भाजपा विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह ने कलेक्टर के खिलाफ विरोध जताते हुए गाली दी। यह घटना खाद संकट को लेकर कलेक्टर बंगले के बाहर प्रदर्शन के दौरान हुई।

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Sandeep Kumar
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भिंड में खाद को लेकर वबाल मचा हुआ है। बुधवार को बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह  के साथ कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान हंगामे की स्थिति बन गई। दरअसल कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने प्रदर्शनकारियों से मिलने से इनकार दिया। इससे विधायक और कलेक्टर के बीच तनातनी हो गई। दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे।

घटना का वीडियो देखें- 

विधायक भिड़े कलेक्टर से

नरेंद्र सिंह कुशवाह ने बुधवार सुबह कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निवास पर धरना दिया। उन्होंने खाद संकट पर प्रशासन को लताड़ा। उनका कहना था, "किसान खाद के लिए परेशान हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।" कुशवाह ने आरोप लगाया कि खाद का वितरण सही तरीके से नहीं हो रहा। उन्होंने चेतावनी दी कि स्थिति में सुधार न होने पर आंदोलन और उग्र हो सकता है।

आला अधिकारी पहुंचे प्रदर्शन स्थल पर

इस दौरान पुलिस अधीक्षक असित यादव, एएसपी संजीव पाठक, और एडीएम एलके पांडेय प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। ये अधिकारी विधायक को समझाने का प्रयास कर रहे थे। विधायक ने फोन पर चंबल संभाग के कमिश्नर मनोज खत्री से भी बातचीत की। उन्होंने कमिश्नर को बताया कि खाद संकट को लेकर प्रशासन ने कोई ठोस तैयारी नहीं की है।

क्या है पूरा मामला?

भाजपा विधायक नरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने खाद वितरण पर आदेश जारी किया। कलेक्टर ने प्रत्येक किसान को केवल दो बोरी खाद देने का आदेश दिया। इससे किसानों को आवश्यक खाद नहीं मिल पा रही है। कुशवाहा ने कलेक्टर पर मनमानी का आरोप लगाया।

विधायक ने कहा कि कलेक्टर सरकारी कामकाज में हस्तक्षेप कर रहे हैं। किसानों को खाद के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। इनमें महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधि के तौर पर वे अपना काम कर रहे हैं। धरने की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया।

कलेक्टर को हटाने की मांग पर अड़े विधायक

बीजेपी विधायक ने कलेक्टर को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि कलेक्टर को तत्काल हटाया जाए और किसानों के लिए खाद सुनिश्चित की जाए। यदि प्रशासन ने समस्याएं हल नहीं कीं, तो आंदोलन और व्यापक हो सकता है।

इस मामले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की तरफ से अभी तक कोई जानकारी नहीं आई है। बताया जा रहा है कि खाद वितरण व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए यह आदेश दिया गया था। हालांकि, किसानों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल रहा है।

एमपी में खाद की मारामारी

प्रदेश के कई जिलों में खाद की किल्लत है। किसान खाद के लिए जूझ रहे हैं। भिंड अकेला जिला नहीं है, जहां किसानों को लंबी कतारों में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। बड़वानी, खंडवा, शिवपुरी, अशोकनगर, बुरहानपुर, खरगोन, नर्मदापुरम, विदिशा जैसे कई जिलों में भी यही स्थिति है।

 कई जिलों में खाद वितरण के दौरान एसडीएम और अपर कलेक्टर को मोर्चा संभालना पड़ रहा है। हालत यह है कि कई जगह किसान बारिश में भीगते हुए सुबह 4 बजे से लाइन में लग रहे हैं। हालांकि, टोकन मिलने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल रही है।

खाद की मांग और सप्लाई में अंतर

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में खरीफ 2025 के लिए 36 लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें यूरिया की खपत 17.40 लाख मीट्रिक टन अनुमानित है। एसएसपी के लिए 6.50 लाख मीट्रिक टन, डीएपी के लिए 7.50 लाख मीट्रिक टन, एमओपी के लिए 5 हजार मीट्रिक टन और एनपीके के लिए 86 हजार मीट्रिक टन की डिमांड है।

खाद को लेकर क्या है सरकार का दावा ?

प्रदेश में इस बार खरीफ फसलों की बोवनी लगभग 140 लाख हेक्टेयर में की गई है। इसमें पांच लाख हेक्टेयर में मक्का की खेती बढ़ी है और आठ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा भी बढ़ी है। इस कारण राज्य सरकार ने केंद्र से अधिक यूरिया की मांग की थी। केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 के लिए प्रदेश को 17.42 लाख टन यूरिया का आवंटन किया था।

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