BHOPAL. मध्य प्रदेश में बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। बच्चियों से दरिंदगी को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष के नेता बीजेपी और कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। रेप के बढ़ते मामले को लेकर सरकार एक्शन में है। इस बीच पूर्व मंत्री और महू से बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने बढ़ते रेप के मामलों को लेकर जमकर भड़ास निकली है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से रेपिस्टों को सार्वजनिक चौराहे पर फांसी पर लटकाए जाने की मांग की है।
चौराहे पर दी जाए दुष्कर्मियों को फांसी
बीजेपी विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि बेटियों से बढ़ती रेप की घटनाओं को रोकना है तो दुष्कर्मियों को सार्वजनिक चौराहे पर फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। साथ ही इन दरिंदों को अंतिम संस्कार भी नहीं होना चाहिए। इनके शव को चील-कौवे नोंच-नोंच कर खाएं। जब ऐसी कड़ी सजा को दूसरे लोग देखेंगे, तो ये लोग छोटी बेटियों की तरफ हाथ बढ़ाने की हिम्मत भी नहीं कर पाएंगे। क्योंकि यह सबसे गंदा अपराध है। ऐसे में इन मामलों पर सख्ती से कार्रवाई जरूर होनी चाहिए।
तार- तार हो रही मनुष्यता
भोपाल में विधायक उषा ठाकुर ने कहा कि जो छोटी बच्चियों के साथ रेप की घटनाएं बढ़ गई है। इन घटनाओं को समाज का नैतिक उत्थान ही रोक सकता है। जब तक संस्कार का दृढ़ीकरण नहीं होगा, व्यक्ति में नैतिकता और सात्विकता नहीं होगी। तब तक इन बुराइयों से बच नहीं सकता। कहीं ना कहीं समझ में भौतिकता के आधिक्य के कारण जो अध्यात्म की साधना की कमी आई है। उसी की वजह से लोगों में यह दुष्वृत्तियां और दुश्विचार बहुत प्रबल होकर सामने दिखाई दे रहे हैं। इससे सामाजिक ताना-बाना मनुष्यता सब तार - तार हो रही है।
फांसी का कानून फिर भी नहीं लगता डर
विधायक ऊषा ठाकुर ने कहा कि ऐसे नर पिशाचों के लिए मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री दोनों से अनुरोध करती हूं कि मध्य प्रदेश में कठोर कानून तो बना दिया है, इसमें यह प्रावधान है कि फास्ट ट्रैक में केस चलाकर 30 दिनों में दोषी को फांसी दी जाएगी। इसके बाद भी यह डर नहीं रहे हैं तो सिर्फ कानून का भय इनकी दुष्वृत्तियां को उखाड़ कर नहीं फेंक सकता। दंडात्मक प्रक्रिया में भी कुछ सुधार जरूरी है।
तड़प-तड़प कर मरेंगे तभी समझ आएगी गलती
बच्चियों से हैवानियत पर आक्रोश जताते हुए उन्होंने आगे कहा कि इन अपराधियों की लाश को चील और कौवे नोंच-नोंच कर खाएंगे तभी इस तरह की सजा से दूसरे लोगों के सामने मन में डर पैदा होगा। साथ ही छोटी बच्चियों के साथ इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगेगी। हाथ-पांव काटकर फेंकोगे तो ऐसे नर पिशाचों को कौन खाना देगा। तड़प-तड़प कर मरेंगे तभी उनको अपनी गलती का प्रायश्चित होगा। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में एमपी में बच्चियों के साथ दुष्कर्म और गैंगरेप की घटनाएं सामने आई हैं।
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