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मध्यप्रदेश की महिला अफसर अमिता सिंह तोमर, जिन्होंने 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) के पांचवें सीजन में ₹50 लाख की धनराशि जीतकर सुर्खियां बटोरी थीं, एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। इस बार उनका विवादित सोशल मीडिया पोस्ट सुर्खियों में है। इस पोस्ट को लेकर न केवल उनके जिले में बल्कि राजधानी भोपाल तक विरोध की लहर फैल गई। अफसर के इस कदम ने ऐसा तूल पकड़ा कि उन्हें आखिरकार सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। इस विवाद के बाद प्रशासन ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है और उनसे तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है।
क्या था पूरा मामला?
अमिता सिंह तोमर श्योपुर जिले के वीरपुर की तहसीलदार हैं। उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ईद के त्यौहार को मातम का त्यौहार बना दिया। कितनों के अब्बा मर गए जो काली पट्टी बांधकर त्यौहार मनाया, सादर श्रद्धांजलि।
कई लोगों ने इसे अपमानजनक और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला करार दिया। विरोध बढ़ने के बाद, अमिता सिंह तोमर ने अपनी पोस्ट हटा दी, लेकिन तब तक कई लोगों ने इसका स्क्रीनशॉट ले लिया था। अगले दिन, वीरपुर में कलेक्टर अर्पित वर्मा की जनसुनवाई के दौरान इस पोस्ट की शिकायत की गई। तहसीलदार ने पोस्ट हटाने का हवाला देते हुए 'ओके, सॉरी' भी कहा, लेकिन फिर भी इसका विरोध थमा नहीं। यह विवाद बढ़ता गया और उनकी मंशा पर सवाल उठने लगे। बता दें कि ईद पर प्रदेश के जिलों में वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध किया था।
कारण बताओ नोटिस जारी
इस विवाद को लेकर विजयपुर अनुभाग के एसडीएम अभिषेक मिश्रा ने तहसीलदार अमिता सिंह तोमर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि अमिता सिंह तोमर ने सोशल मीडिया पर समाज विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके कारण उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। एसडीएम अभिषेक मिश्रा ने मीडिया को बताया कि इस मामले को संज्ञान में लेकर तीन दिनों के भीतर अमिता सिंह से जवाब मांगा गया है।
अमिता सिंह तोमर का विवादों से पुराना नाता
अमिता सिंह तोमर का यह विवाद कोई पहला नहीं है। इससे पहले भी वह सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालने और प्रशासनिक कार्यों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के कारण चर्चा में रही हैं। 2011 में 'कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) के पांचवे सीजन में ₹50 लाख जीतने के बाद उनकी प्रसिद्धि काफी बढ़ी थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने कई बार विवादों में घिरने का सिलसिला जारी रखा। पहले भी उन्हें संविधान से जुड़ी आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण निलंबित किया जा चुका है।
इसके अलावा, अमिता सिंह तोमर अपने बार-बार तबादलों को लेकर भी चर्चा में रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने तबादलों पर आपत्ति जताई थी और वर्ष 2023 में तहसील का प्रभार न मिलने पर इस्तीफा देने की धमकी दी थी।
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