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हाड़ कंपा देने वाली इस सर्दी में पेग हों, पार्टी हो और चार यार... बस फिर क्या माहौल बन ही जाता है। हाल के दिनों में सूबे में अफसरशाही में हंसी-ठहाकों का अजीब सा संगम देखने को मिल रहा है। इंदौर से सटे एक जिले में जहां कलेक्टर साहब की पार्टी चर्चा में है, वहीं मंत्रालय में बैठने वाले अफसर महंगी शराब खरीदने को मजबूर हैं। इधर, सोशल मीडिया में कुछ अलग ही चल रहा है। नौकरी पूरी कर चुके साहब हैं कि नॉनवेज जोक्स किए जा रहे हैं। अब जूनियर परेशान हैं कि साहब का किया क्या जाए? इन दिनों गूगल के चर्चे भी खूब हैं। दुनिया के इस सबसे बड़े सर्च इंजन की वजह से छोटे से इंदौर के एक 'सज्जन' को बहू नहीं मिल पा रही है। आईएएस सर्विस मीट में अधिकारी धमाल मचाने को तैयार हैं। उधर, एक साहब का नॉवेला भी चर्चा में बना हुआ है।
खैर, देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर आप तो सीधे नीचे उतर आईए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए…
आईएएस को भी लूट रहे शराब ठेकेदार
मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों की धाक ऐसी है कि एमआरपी को मजाक बना दिया गया है। ठेकों पर बीयर और शराब की बोतलें तय कीमत से कहीं ज्यादा दाम पर बेची जा रही हैं। लेकिन इस 'शराब-सिस्टम' का असली दर्द झेल रहे हैं लूप लाइन में बैठे अफसर, जिन्हें अपनी जेब से बोतल खरीदनी पड़ रही है। जहां मलाईदार पोस्ट वाले अफसरों के पास ठेकेदार खुद ही बोतल भिजवा देते हैं, वहीं लूप लाइन वाले अफसरों को अपनी मेहनत की कमाई खर्च करनी पड़ रही है। अब ये बेचारे अफसर कहें भी तो किससे? एक तो पद छोटा, ऊपर से ठेकेदारों का राज। मंत्रालय में गपशप करते हुए अफसर व्यंग्य में कहते हैं, अब इसे 'लूप लाइन टैक्स' मानकर ही बोतल खरीदनी पड़ेगी। ऐसे अफसरों का दर्द समझने वाला कोई नहीं। एक अफसर ने तंज कसते हुए कहा, शायद हमें 'लूप लाइन' में होने का यही जुर्माना भरना पड़ रहा है।
पटियाला पेग ला छड्डी दा...
हाल ही में इंदौर में पंजाबी सिंगर दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट युवाओं के दिलों में झूमने की वजह बना। इससे भी बड़ी बात यह रही कि इंदौर के पास वाले जिले के कलेक्टर साहब और उनके बैचमेट्स पर भी दिलजीत के गानों का ऐसा जादू चला कि कॉन्सर्ट के बाद उनके बंगले पर धमाल मच गया। जैसे ही दिलजीत के गाने पटियाला पेग ला छड्डी दा... बजा तो पार्टी का माहौल और रंगीन हो गया। साहब लोग दिलजीत के गानों पर थिरकते रहे। मैडम भी पीछे नहीं थीं। जमकर ठुमके लगे। इस पार्टी में भोपाल के पास वाले जिले के कलेक्टर साहब ने भी अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया। यह रात बंगले पर सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि दिलजीत दोसांझ के फैन क्लब का खास प्रदर्शन थी। थिरकते कदमों ने बता दिया कि सरकारी जिम्मेदारियों के बीच भी कलेक्टर साहब दिल से जश्न मनाने का हुनर रखते हैं।
जवानी में साहब ने क्या कारनामे किए होंगे?
सालों पहले रिटायर हो चुके एक आईएएस अधिकारी ने अपनी बासी कढ़ी में ऐसा उबाल ला दिया है कि पूरा सोशल मीडिया ग्रुप तिलमिला उठा है। साहब की उम्र तो राम नाम जपने की है, लेकिन वो लगातार ग्रुप में नॉनवेज जोक्स भेजकर नवयुवक बनने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि साहब सीनियर हैं, लिहाजा कोई उनकी पोस्ट पर सीधे टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं कर रहा। लेकिन महिला आईएएस अफसरों ने साहब को बासी कढ़ी में उबाल जैसे विशेषणों से नवाजना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि साहब के जोक्स में जितना मसाला है, उतना उनकी उम्र के अनुकूल नहीं है। दूसरी तरफ, कुछ अधिकारी साहब की इस हरकत को उनके जवानी के दिनों के कारनामों से जोड़कर देख रहे हैं। एक अधिकारी ने चुटकी लेते हुए कहा, जब रिटायरमेंट के बाद ये हाल है, तो सोचना होगा कि साहब की सक्रिय सेवाओं के दौरान क्या हाल रहा होगा?
गूगल खोल देता है भूमाफिया की पूरी पोल
इंदौर के तीन कुख्यात भूमाफिया इन दिनों सुर्खियों में हैं। ये फिलहाल जमीन धोखाधड़ी के कारनामों के लिए सुप्रीम कोर्ट से जमानत लेकर खुले में सांस ले रहे हैं, पर इस बार वजह उनकी शातिर हरकतें नहीं, बल्कि बच्चों की करोड़ों की शादियां हैं। एक कलाकार ने तो पहले ही अपने घर में शादी के चिराग जलाकर जश्न मना लिया था। अब, एक और भूमाफिया ने अपने घर में शादी का पांच दिनी महोत्सव मनाया है। दुबई से करोड़ों की शॉपिंग की गई। कॉकटेल पार्टी से लेकर ग्रैंड रिसेप्शन तक हर कार्यक्रम की धूम रही। चर्चा है कि शादी की एक थाली की कीमत ही चार हजार रुपए रही। इधर, इन सभी का मुखिया, जो अपनी चंपी स्किल्स के लिए कुख्यात है, अपने बेटे के लिए जयपुर से इंदौर तक लड़की खोजने में जुटा है। लेकिन उसकी हाय री किस्मत! जैसे ही लड़की वाले उसका नाम गूगल पर डालते हैं, उसकी धोखाधड़ी और काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त स्क्रीन पर आ जाती है। सवाल यह है कि भूमाफियाओं के इन भव्य आयोजन के बीच क्या प्रशासन की नजरें बंद हैं, या फिर यह सब सबका साथ, सबका माल के सिद्धांत पर हो रहा है?
टेंशन मिटाने लगेगा वीकेंड मस्ती का मेला
मध्यप्रदेश में जनकल्याण अभियान की गूंज के बीच प्रदेश के आईएएस अधिकारी 20 से 22 दिसंबर तक राजधानी में जुटेंगे। जी हां, सरकारी कामकाज का तनाव छोड़कर अब साहब क्रिकेट खेलेंगे, बैडमिंटन में बैकहैंड शॉट लगाएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम में छैंया-छैंया पर थिरकते नजर आएंगे। अफसरों का उत्साह देखकर लगता है, जैसे सालभर के सरकारी काम का बदला इन तीन दिनों में लिया जाएगा। प्रशासन अकादमी, मिंटो हॉल और अरेरा क्लब को सजा-धजाकर तैयार किया जा रहा है। मीट के दौरान साहब और मैडम अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। जो क्रिकेट के मास्टर नहीं हैं, वे कविताएं सुनाएंगे। बैडमिंटन में हारने वाले सांस्कृतिक नृत्य करेंगे। और जो कुछ नहीं कर पाएंगे, वे तालियां बजाकर सरकारी ड्यूटी निभाएंगे।
नॉवेल पुरानी बात, अब साहब नॉवेला लिखेंगे
ब्राह्मणों पर किताब लिखकर चर्चा में आए एक साहब अब साहित्य की नई विधा 'नॉवेला' में हाथ आजमाने जा रहे हैं। उनकी नई रचना का टाइटल सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे। जी हां, इसका नाम है फ्लाइंग सुपर ह्यूमन। इसमें न सिर्फ काल्पनिक सुपरहीरो होगा, बल्कि आरएसएस के इर्द-गिर्द घूमती ऐसी कहानी भी होगी, जो देश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित करेगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि साहब अब तक 10 नॉवेल लिख चुके हैं। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नॉवेला इटैलियन शब्द है। इसे साहित्य का फास्ट फूड भी कह सकते हैं। साहब का नॉवेला 70 पन्नों का होगा, जिसे लोग चाय के कप के साथ खा, माफ कीजिए, पढ़ सकते हैं। तो जनाब! साहित्य में "फ्लाइंग सुपर ह्यूमन" का यह नया अध्याय कब उड़ान भरेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
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