मध्य प्रदेश के गुना निवासी और सीमा सुरक्षा बल (BSF) में आईजी के पद पर पदस्थ राजेश शर्मा का बुधवार को निधन हो गया। उनका निधन अचानक हार्ट अटैक से हुआ। वह ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF कैंप में पदस्थ थे और दो महीने पहले ही उनका प्रमोशन हुआ था। अब वह आईजी के पद पर कार्यरत थे और उनका रिटायरमेंट दो वर्ष बाद होने वाला था। बुधवार शाम को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें BSF अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गुना में शिक्षा और करियर की शुरुआत
राजेश शर्मा का जन्म गुना में हुआ और उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं के आर्य समाज मंदिर से प्राप्त की। उन्होंने कक्षा 11वीं तक की पढ़ाई यहीं से की थी। इसके बाद उन्होंने शासकीय पीजी कॉलेज से बीकॉम और फिर एलएलबी की। उनके परिवार और साथियों के अनुसार, वह हमेशा एक मेहनती और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते थे।
वर्ष 1987 में उनका चयन सीमा सुरक्षा बल (BSF) में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हुआ। इसके बाद, उन्होंने एक साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद, 1988 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पहली पोस्टिंग की। यहां भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर उनकी ड्यूटी लगी थी। इस दौरान उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं दी और हमेशा अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी।
SPG-SDERF में दे चुके सेवाएं
राजेश शर्मा की करियर में कई महत्वपूर्ण पोस्टिंग्स थीं। वह दिल्ली में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। इसके बाद वह मध्यप्रदेश एसडीईआरएफ (SDERF) में भी पदस्थ रहे। 27 जनवरी को ही उन्हें प्रमोशन मिला था और वह BSF गुजरात फ्रंटियर में कार्यरत थे। इसके बाद उन्हें ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF कैंप में आईजी के पद पर पदस्थापित किया गया था।
राजेश शर्मा का करियर अनुशासन, प्रतिबद्धता और नेतृत्व क्षमता के लिए जाना जाता था। प्रमोशन के बाद उन्होंने नई जिम्मेदारियां संभाली थीं और टेकनपुर में BSF कैंप में अपनी नई पोस्टिंग जॉइन की थी। उनके अचानक निधन से उनके परिवार, दोस्तों और साथियों में शोक की लहर दौड़ गई है।
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