एमपी विधानसभा का बजट सत्र अनिश्चितकाल के लिए खत्म हो गया है । शुक्रवार यानी 5 जुलाई को चर्चा के दौरान दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। इस दिन कैग की रिपोर्ट भी सदन में पेश की गई। रिपोर्ट में विभिन्न विभागों द्वारा वित्त वर्ष के अंत में राशि खर्च नहीं करने पर आपत्ति जताई गई है। साथ ही रिपोर्ट में सरकार के बढ़ते राजकोषीय घाटे पर भी चिंता जताई गई है।
कैग ने रिपोर्ट के जरिए सरकार को सलाह दी है कि ज्यादा कर्ज लेने के बजाय राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमान और वास्तविक बजट के बीच के अंतर को काम किया जा सके।
राजस्व और खर्च के अंतर पर CAG ने उठाए सवाल
रिपोर्ट में सरकार द्वारा अर्जित राजस्व और किए गए खर्च के बीच में अंतर को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य का कुल खर्च वर्ष 2018-19 में 1 लाख 72 हजार 664 करोड़ से वर्ष 2022-23 में 2 लाख 46 हजार 692 करोड़ रुपए तक पहुंच गया।ॉ
12 सार्वजनिक उपक्रमों के घाटे पर चिंता
प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के 32 सार्वजनिक उपक्रमों में से 12 उपक्रमों को नुकसान का सामना करना पड़ा है। वर्ष 2022-23 में सार्वजनिक क्षेत्र के 32 उपक्रमों ने 95 हजार 645 करोड़ का कारोबार किया जो कि प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 7.2% के बराबर है।
व्यक्तिगत जमा खातों की समीक्षा करें सरकार: CAG
रिपोर्ट में 2022-23 के दौरान 2021-22 की तुलना में व्यक्तिगत जमा खातों में अंतिम शेष 10.73 प्रतिशत से कम होना बताया। कैग ने कहा है कि राज्य शासन को सभी व्यक्तिगत जमा खातों की समीक्षा करनी चाहिए तथा यह तय करना चाहिए कि खातों में निष्क्रिय पड़ी राशि को शासकीय खाते में तत्काल ट्रांसफर कर दिया गया है।
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