भगवान भरोसे मंत्रालय... जहां आग लगी, वहां 2 साल से बंद पड़े CCTV cameras

एमपी सरकार के मंत्रालय यानी वल्लभ भवन में आग लगने के बाद खुलासा हुआ है कि यहां के सीसीटीवी कैमरे ही काम नहीं कर रहे हैं। यह हाल तब है, जब यहां सीएम, सीएस बैठते हैं। पढ़िए इस हाई प्रोफाइल बिल्डिंग की सुरक्षा की पड़ताल करती हुई द सूत्र की खास खबर...

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Marut raj
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CCTV cameras of Vallabh Bhawan a ministry of MP government have been closed for two years the sootr द सूत्र
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संजय शर्मा, भोपाल.  एमपी सरकार के मंत्रालय में आग लगने के मामले में बड़ी चूक सामने आई है। जिस बिल्डिंग में सीएम दूसरे मंत्री और अधिकारियों के साथ बैठकर राजकाज संभालते हैं, उसकी सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई थी। यह खुलासा आग लगने के कारणों की जांच के दौरान सामने आया है। जिस हिस्से में घंटों तक आग की लपटें भभक रहीं थीं, वहां सीसीटीवी कैमरे ( CCTV Cameras ) ही नहीं थे। अभी शॉर्ट सर्किट होने की पुष्टि भी नहीं हुई है, जिससे यह पता लगाना कठिन होगा कि आग लगी थी या लगाई गई थी। मंत्रालय की सुरक्षा में हुई चूक पर द सूत्र की नजर बनी हुई है और हम इससे जुड़े नए खुलासे सामने लाते रहेंगे।  

पुराना टेंडर खत्म, न इसे रिन्यू किया न नया टेंडर बुलाया

शनिवार सुबह मंत्रालय यानी वल्लभ भवन ( Vallabh Bhavan ) की पुरानी बिल्डिंग में आग लग गई थी। बिल्डिंग के 5th और 6th फ्लोर पर मंत्रियों सहित विभागों के कक्ष लपटों की चपेट में आ गए थे। इस घटना की जांच के आदेश देते हुए सरकार ने 7 सदस्यीय समिति बना दी है, जो 5 बिंदुओं पर अग्निकांड की पड़ताल कर रही है। जांच के पहले चरण में ही मंत्रालय की सुरक्षा में बड़ी खामी सामने आई है। बताया गया है कि बिल्डिंग के जिस हिस्से में सबसे पहले आग की लपटें देखी गईं थीं, उसके साथ ही दोनों फ्लोर पर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी नहीं है। यहां सीएम, मंत्रिमंडल के सदस्य और सीएस और अन्य अधिकारियों की सुरक्षा की अनदेखी 2 साल से भी ज्यादा समय से की जा रही थी। पुराना कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद अधिकारियों ने नया टेंडर बुलाया न पुराने टेंडर को रिन्यू किया गया। सीएम मोहन यादव प्रदेश में सीसीटीवी सर्विलांस का विस्तार पंचायत लेवल तक करने की घोषणा कर चुके हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा के प्रति अनदेखी चिंता का बड़ा कारण है। 

फोरेंसिक टीम ने की सैंपलिंग

मंत्रालय अग्निकांड की जांच समिति को पड़ताल करते दो दिन पूरे हो गए हैं और तीसरे दिन यानी मंगलवार को एसीएस मो.सुलेमान को शॉर्ट रिपोर्ट सौंपना है। उधर जांच के लिए सोमवार को फोरेंसिक टीम मंत्रालय पहुंची और उस हिस्से में इन्वेस्टीगेशन कर आग में जले दस्तावेज सहित अन्य सैम्पल इकट्ठा किए। एक्सपर्ट दोनों फ्लोर पर सैंपल जुटाते रहे और मंत्रालय के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। दोनों फ्लोर पर आग लगने के दौरान कौन- कौन से कर्मचारी मौजूद थे, इसका ब्यौरा भी जुटाया गया है। सूत्रों के अनुसार प्राथमिक पड़ताल में आग लगने की वजह साफ नहीं हुई है, ऐसे में यह भी नहीं कहा जा सकता की आग शॉर्ट सर्किट से ही लगी थी या किसी ने लगाई। 

सीसीटीवी बंद होने के लिए कौन जिम्मेदार 

भले ही मंत्रालय में आग लगने की वजह साफ न हो, लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षा में अनदेखी बरती गई थी। यह गलती केवल शनिवार के दिन ही नहीं हुई बल्कि पिछले 2 साल से ज्यादा समय से जारी थी। यदि बड़ा हादसा हो गया होता तो उसकी पड़ताल भी ठीक वैसी दिशाहीन होती जैसे इस अग्नि दुर्घटना की जांच है। अब सवाल उठते हैं कि मंत्रालय में सीसीटीवी कैमरे क्यों बंद थे ? सर्विलांस सिस्टम नहीं चल रहा तो किसी अधिकारी ने जवाब क्यों तलब नहीं किया? सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले मुख्य सुरक्षा अधिकारी और उनके अमले के इसकी रिपोर्ट किससे की या नहीं की तो क्यों ? और इस पूरी लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है। 

जिम्मेदार टाल गए जवाब -

 मनीष सिंह, प्रिंसिपल सेकेरेट्री 

- सीसीटीवी कैमरे कब से बंद हैं, टेंडर क्यों या कब से नहीं हुआ, यह मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है, मैं इस विषय पर कुछ नहीं कह सकता। 

विनोद कुमार, तत्कालीन एसीएस 

मेरा ट्रांसफर अब प्रशासन अकादमी में हो चुका है। सीसीटीवी कैमरे बंद होने या उसकी टेंडर प्रक्रिया के सम्बन्ध में आप वर्तमान में दायित्व संभाल रहे अधिकारी से ही बात करें। 

अविनाश शर्मा, मुख्य सुरक्षा अधिकारी मंत्रालय 

आग लगने के कारण की जांच समिति कर रही है। जहां आग लगी थी, वहां सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं।  टेंडर ख्त्म होने के बाद नया कॉन्ट्रैक्ट होना है। यह कब तक होगा मेरी जानकारी में नहीं है।

वल्लभ भवन CCTV Cameras