संजय गुप्ता, INDORE. बड़वानी जिले की पानसेमल विधानसभा से विधायक रही आदिवासी नेता चंद्रभागा किराड़े ( Chandrabhaga Kirade ) बीजेपी में शामिल हो गई है। गुरुवार को इंदौर में नामांकन के पहले हुई सभा के दौरान मंच पर किराड़े मौजूद रही और सीएम डॉ. मोहन यादव ने उन्हें बीजेपी का दुपट्टा पहनाया। उनके बीजेपी में आने की घोषणा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने की। उनके साथ 11 सरपंच भी बीजेपी में आए हैं।
इस बार विधानसभा चुनाव हार गई थी किराड़े
किराड़े आदिवासी नेता है। इस बार विधानसभा चुनाव 2023 में वह बीजेपी से हार गई थी। चुनाव के दौरान कांग्रेस में काफी मतभेद रहे और कार्यकर्ताओं ने उन्हें टिकट देने का विरोध किया था। बाद में उनकी हार हुई। इसके बाद से ही उनकी कांग्रेस में पटरी नहीं बैठ रही थी।
इधर देपालपुर की पूरी नगर परिषद ही बीजेपी की हुई
उधर कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे संजय शुक्ला और देपालपुर के पूर्व विधायक विशाल पटेल जो बीते दिनों बीजेपी के हो गए थे, उनके द्वारा दयालबाग में कांग्रेसियों को बीजेपी में शामिल कराने का आयोजन किया गया। इसमें कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा, जिसमें देपालपुर की पूरी नगर परिषद जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित 20 पार्षद सहित सभी बीजेपी के हो गए। शुक्ला ने कहा कि जो राम के साथ है हम उनके साथ हैं। साल 2023 में नगर परिषद कांग्रेस की बनी थी। पूरी नगर परिषद में पूर्व विधायक विशाल पटेल के समर्थक शामिल थे जो अब उनके पास बीजेपी में आ गए। शुक्ला और पटेल का दावा है कि आठ हजार कांग्रेसी बीजेपी में शामिल हुए हैं।
सीएम ने शुक्ला, पटेल को धरोहर और सूरज, चांद बताया
सीएम डॉ. यादव नामांकन के बाद दयालबाग में हुए दलबदल कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इसमें सीएम ने कहा कि कांग्रेस से बीजेपी में आए संजय शुक्ला और विशाल पटेल लेकर कहा कि मेरे अगल-बगल सूर्य-चंद्र की भांति फड़क रहे हैं, अब यह बीजेपी की धरोहर है। इन्होंने जो कार्यकर्ताओं के बीच वचन दिए हैं, विकास के सपने देखे होंगे, वह सब पूरे होंगे। बीजेपी में सभी का स्वागत है। जिनका पेट धुक रहे है वह कुछ भी बोलेंगे,उन्हें खुद नहीं मालूम करना क्या है।
कांग्रेस के टेंपो सवारी जितने सांसद रह जाएंगे
सीएम ने कहा कि कांग्रेस गलतियों से नहीं सीखती है 2014 में 115 पर आ गए तो 2019 में 52 रह गए बस की सवारी जितने और अब टेंपो की सवारी जितने उनके सांसद रह जाएंगे संसद में। उन्होंने भगवान राम का निमंत्रण ठुकराया। अब कृष्ण कन्हैया बचे हुए हैं. उनके लिए भी मोदी सरकार लगी हुई है।