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छतरपुर के बहुचर्चित डॉ. नीरज हत्याकांड में आरोपी प्रोफेसर ममता पाठक ने जबलपुर हाईकोर्ट में खुद अपनी पैरवी की। कोर्ट में उन्होंने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, पुलिस कार्रवाई और केमिकल फैक्ट बताकर सवाल उठाते हुए खुद को निर्दोष बताया। इस केस में सेशन कोर्ट उन्हें उम्रकैद की सजा दी थी।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर उठाए केमिस्ट्री वाले सवाल
ममता पाठक ने कोर्ट में कहा कि उनके पति की मौत करंट से नहीं हुई थी। उन्होंने कहा घर में इलेक्ट्रिक सर्किट में इतनी सुरक्षा थी कि करंट का लीक होते ही बिजली कट जाती थी। रिपोर्ट को मनमाने ढंग से बनाया गया। शरीर पर जो निशान हैं, वे थर्मल बर्न हैं या इलेक्ट्रिक बर्न इसका अंतर पोस्टमॉर्टम में साफ पता नहीं चलता।
केमेस्ट्री से जुड़े तथ्यों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि असली पहचान एसिड टेस्ट से ही होती है। उन्होंने कहा कि मेडिकल मेटल के कणों की पहचान ही असल होती है। इसे से बर्न के इलेक्ट्रिक या थर्मल होने का पता चलता है।
हाईकोर्ट में दो दिन लंबी चली सुनवाई फिर बढ़ी बेल
जबलपुर हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल और जस्टिस देवनारायण मिश्रा की बेंच ने ममता पाठक की दलीलें सुनीं। कोर्ट में लंबे सवाल-जवाब के बाद उनकी अंतरिम जमानत को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
पुलिस जांच और FIR पर भी उठाए सवाल
ममता ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उनके पति की मौत 29 अप्रैल 2021 को हुई थी, लेकिन एफआईआर 7 मई को दर्ज की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनसे खाली पन्नों में साइन करवाए गए और उनके झूठे बयान केस में जोड़े गए।
कोर्ट का सवाल- बीमार पति को छोड़ क्यों गई थीं?
कोर्ट ने ममता से पूछा कि जब पति गंभीर रूप से बीमार थे तो वह उन्हें अकेला क्यों छोड़ गईं। ममता ने बताया कि वह बेटे के साथ झांसी गई थीं और लौटने पर पति मृत मिले। इसके बाद जांच में यह कहानी बदल दी गई और कई नई चीजें बनावटी एड कर दी गईं। 7 मई 2021 में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। ममता ने पुलिस पर आरोप लगाए कि पुलिस ने उनसे खाली पन्नों पर साइन करवाए थे और बाद में झूठे बयान केस में फाइल कर दिए।
हत्या, नींद की गोली और करंट से मौत का आरोप
जांच में सामने आया कि ममता ने अपने पति को नींद की गोलियां दीं और फिर करंट देकर मार डाला। जांच में एक वीडियो भी पुलिस को मिला था जिसमें डॉ. नीरज ने पत्नी पर प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। कोर्ट ने इसे भी केस का अहम हिस्सा माना।
लंबे समय से चल रहा था पति-पत्नी में विवाद
डॉ. नीरज पाठक और उनकी प्रोफेसर पत्नी ममता पाठक के बीच बीते 20 वर्षों से वैवाहिक तनाव बना हुआ था। ममता पाठक को यह संदेह था कि उनके पति का किसी अन्य महिला से संबंध है। इसी शक के कारण वे रात में पति को नींद का इंजेक्शन देकर सुला देती थीं। दूसरी ओर, डॉक्टर नीरज का कहना था कि उनकी पत्नी की तबीयत अक्सर खराब रहती है और उसे नींद नहीं आती, इसलिए वे उसे आराम देने के लिए इंजेक्शन देते हैं।
इसी मुद्दे को लेकर ममता पाठक ने कई बार थाने, छतरपुर एसपी, सागर आईजी और भोपाल स्थित डीजीपी कार्यालय तक शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने पति पर पराई महिला से संबंध रखने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की थी, हालांकि जांच में ये आरोप निराधार पाए गए।
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डॉक्टर पति ने विवाद से तंग आकर लिया था VRS
डॉ. नीरज जिला अस्पताल में मेडिसिन एक्सपर्ट थे। पत्नी से विवाद के कारण उन्होंने दो साल पहले VRS लिया और घर पर ही मरीजों का इलाज करने लगे थे। उनकी मौत से एक दिन पहले उन्होंने थाने में पत्नी और बेटे पर मोबाइल छीनने की शिकायत की थी।
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डॉ. नीरज पाठक हत्याकांड | MP News