व्हाट्स एप पर किसान सम्मान निधि की फर्जी लिंक भेज शिक्षक के अकाउंट से उड़ाए 12 लाख

छिंदवाड़ा जिले के एक हायर सेकेंडरी शिक्षक के दो बैंक खातों से 12 लाख रुपए उड़ा लिए गए हैं। साइबर ठग ने एक व्हाट्स एप ग्रुप पर लिंक भेजा था। इसके चलते शिक्षक ठगी के जाल में फंस गए।

Advertisment
author-image
Sanjay Sharma
New Update
Farmers' Honor Fund
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

BHOPAL : सरकारी योजनाओं के नाम पर भी साइबर ठग छलावे का जाल फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। छिंदवाड़ा जिले के हायर सेकेंडरी टीचर के दो बैंक खातों से 11 लाख 79 हजार रुपए उड़ाने का मामला सामने आया है। साइबर बदमाश ने वॉट्सएप ग्रुप पर एक मोबाइल लिंक भेजी थी। बदमाशों ने पीएम किसान सम्मान निधि के नाम से मिलती जुलती लिंक भेजी थी। इसी वजह से शिक्षक झांसे में फंस गया। लिंक पर क्लिक करते ही उसका मोबाइल हैंग हो गया, उसने तुरंत पुलिस से मदद ली। कुछ देर बाद पुलिस ने मोबाइल को रिकवर करके उसे सौंप दिया। लेकिन शिक्षक को अंदेशा भी नहीं था कि अगले कुछ दिनों में उसके दोनों बैंक अकाउंट खाली होने वाले हैं। साइबर ठग उसे लाखों का चूना लगाने की तैयारी कर चुके हैं। 

किसान सम्मान निधि के नाम आई लिंक

पीएम किसान सम्मान निधि का झांसा देने वाली लिंक के जरिए साइबर बदमाशों ने कैसे लाखों की ठगी की आपको पूरी कहानी सुनाते हैं। छिंदवाड़ा के तंसरामाल में रहने वाले कैलाश मोहबे जिले के शासकीय पीएमश्री हायर सेकेण्डरी स्कूल लावाघोघरी में पढ़ाते हैं। कैलाश का कहना है करीब 20 दिन पहले वे मोबाइल फोन में व्हाट्स एप ग्रुप देख रहे थे। इसी दौरान उन्होंने शिक्षकों के ग्रुप पीएम पोषण पर एक लिंक देखी। लिंक पीएम किसान सम्मान निधि के नाम से थी। उन्होंने मध्याह्न भोजन से संबंधित जरूरी लिंक मानकर लिंक पर क्लिक कर दिया। ऐसा करने के कुछ पल बाद ही अचानक मोबाइल हैंग हो गया। वे कुछ समझ नहीं पाए और घबराकर स्थानी पुलिस थाने पहुंच गए। यहां अपनी परेशानी बताई तो पुलिसकर्मी ने मोबाइल को ध्यान से देखते हुए कुछ देर कोशिश की और फिर सब ठीक होने का भरोसा दिलाकर वहां से रवाना कर दिया।

खाते से निकले 11 लाख 79 हजार

साइबर सेल को इसकी खबर न देना भारी पड़ने वाला है कैलाश को यह खबर नहीं थी। अगले दिन रिचार्ज न करने की वजह से मोबाइल सिम बंद हो गई। इसके कारण मैसेज आने-जाने बंद हो गए। 24 सितम्बर को सिम रिचार्ज कराते ही मोबाइल पर मैसेज आने शुरू हो गए। धड़ाधड़ आ रहे मैसेज देखकर कैलाश मोहबे के होश उड़ गए, क्योंकि मैसेज बैंक से थे और उनमें करीब 11 लाख 79 हजार से ज्यादा रुपए निकालने का जिक्र था। यह देखते ही कुछ पल के लिए टीचर कैलाश चकरा गए। किसी तरह खुद को संभालकर वे तुरंत बैंक पहुंचे और स्टेटमेंट निकाला तो पता चला कि मोबाइल हैंग होने के बाद से लगातार उनके दोनों बैंक अकाउंट से लाखों रुपए निकाले गए हैं। उन्होंने स्टेट बैंक उमरानाला और पीएनबी की शाखाओं में भी अफसरों से शिकायत की लेकिन उसे टालकर लौटा दिया गया। तब से पीएम किसान सम्मान निधि से मिलते-जुलते नाम वाली लिंक के सहारे हुई ठगी से परेशान हैं। वहीं पुलिस की साइबर सेल खातों से लाखों रुपए उड़ाने वाले ठगों की जानकारी जुटा रही है। हालांकि अब तक बैंक अकाउंट से वॉलेट में हुए ट्रांजेक्शन के सहारे ठगों की लोकेशन और पहचान सामने नहीं आ पाई है।

C

D

ऐसे दिया ठगी को अंजाम

  • बदमाशों ने कैलाश मोहबे के व्हाट्स एप ग्रुप पर pm samman nidhi जोड़कर एक लिंक भेजी  थी।
  • यह ग्रुप पीएम पोषण नाम से था और जिले के शिक्षक मध्याह्न भोजन की जानकारी इस पर शेयर करते हैं। इस वजह से कैलाश छलावे में फंस गए। 
  • लिंक में कोडिंग का उपयोग किया गया था जिसे क्लिक करते ही मोबाइल का नियंत्रण साइबर ठगों के हाथ में आ गया।
  • इस तरह की लिंक क्लिक करते ही हम स्वयं मोबाइल का कंट्रोल बदमाशों को दे बैठते हैं। 
  • कैलाश मोबाइल हैंग समझकर पुलिस के पास पहुंचे जहां पुलिसकर्मी ने अपने स्तर पर उसे ऑन करके दे दिया, साइबर सेल को जांच के लिए नहीं दिया। 
  • मोबाइल का नियंत्रण साइबर ठगों के हाथ पहुंच चुका था। जैसे ही मोबाइल दोबारा ऑन हुआ बदमाश ट्रांजेक्शन कर एक के बाद एक रुपया निकालते रहे। 
  • रिचार्ज नहीं होने के कारण सिम बंद थी इस वजह से ट्रांजेक्शन  के मैसेज कैलाश तक पहुंचे ही नहीं ।
  • इसी मोबाइल नंबर से शिक्षक के दो बैंक अकाउंट लिंक थे इस वजह से साइबर ठगों को दोनों को खाली  करने का मौका मिल गया। 

साइबर ठगी से ऐसे बचें

  • मोबाइल फोन, व्हाट्स एप, टेलीग्राम या दूसरे प्लेटफार्म पर आने वाली संदेहास्पद लिंक पर क्लिक न करें।
  • ऐसी लिंक के साथ ही ओटीपी या एटीएम क्रेडिट कार्ड का पिन मांगने वालों से सावधान रहें। 
  • धोखाधड़ी होने पर तुरंत नेशनल हेल्पलाइन नंबर  155260 पर शिकायत दर्ज कराएं। 
  • बैंक खातों से ऑनलाइन ठगी होने पर शिकायत बैंक ब्रांच, पुलिस थाने या साइबर यूनिट में भी करें। 
  • आप साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। 

सरकारी वेबसाइट की पहचान

डिजिटाइजेशन के लिए सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा उपभोक्ताओं को बार-बार केवाईसी अपडेट कराने के लिए मैसेज भेजे जाते हैं या कॉल सेंटर का सहारा लिया जाता है। ठग सरकार की इसी कवायद के पीछे छिपकर लोगों के बैंक अकाउंट में सेंध लगाने में जुटे हुए हैं। ऐसे में आम लोगों को सरकारी विभाग और योजनाओं के संबंध में आने वाले कॉल, मैसेज और लिंक की पहचान करना आना चाहिए। इसके लिए कुछ तरीके हम आपको बता रहे हैं। इसका ध्यान रखेंगे तो साइबर ठग आपके बैंक अकाउंट से दूर रहेंगे। सबसे पहले जान लें सरकारी वेबसाइट को पहचानने का सबसे सरल तरीका। इसके लिए वेबसाइट के यूआरएल (URL ) को गौर से देखिए। यदि आखिर में Gov.in है तब ही यह सरकारी वेबसाइट होगी। जैसे नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वेबसाइट यूआरएल पर www.ncrb.gov.in होगी। वहीं  बैंक अकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर को दूसरी वेबसाइट या अनाधिकृत ग्रुप में जोड़ने से परहेज करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

मध्य प्रदेश क्राइम न्यूज साइबर ठगी शिक्षक के अकाउंट से उड़ाए 12 लाख साइबर क्राइम छिंदवाड़ा एमपी में साइबर क्राइम पीएम किसान सम्मान निधि एमपी क्राइम न्यूज किसान सम्मान निधि