BHOPAL. मध्य प्रदेश में लोकायुक्त के एक्शन के बाद भी सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी नहीं थम रही है। घूसखोरी को लेकर लोकायुक्त ने फिर बड़ी कार्रवाई की है। जबलपुर लोकायुक्त ने छिंदवाड़ा में कोतवाली के सब इंस्पेक्टर को 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की टीम ने सब इंस्पेक्टर को चंदनगांव की एक दुकान से दबोचा है।
जानें SI ने क्यों मांगी थी रिश्वत
लोकायुक्त ने यह कार्रवाई आवेदक दुर्गेश सोनी की शिकायत पर की है। दुर्गेश सोनी ने अपनी शिकायत में बताया कि 22 अगस्त की रात को पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था। दूसरे दिन झूठे आरोप लगा कर 24 अगस्त को थाने के बाहर किया गया। इसके बाद उससे एक लाख की डिमांड की गई। आरोप लगाया कि सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव ने रिश्वत मांगी थी। घर पर उससे 25 हजार लिए गए। इसके बाद 25 अगस्त को एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने जमानत दे दी।
पीड़ित ने बताया कि है पुलिस ने उस पर किसी नेता की सुपारी देने का आरोप लगाया गया था। जिसका केस अभी चल रहा है, इस केस को रफा दफा करने के लिए उससे 1 लाख रुपए की मांग की गई थी। इसको लेकर परेशान दुर्गेश ने जबलपुर लोकायुक्त में लिखित शिकायत की थी।
लोकायुक्त ने SI को रिश्वत लेते दबोचा
आवेदक दुर्गेश सोनी की शिकायत के बाद सत्यता की जांच करते हुए जबलपुर लोकायुक्त की टीम 29 अगस्त गुरुवार को छिंदवाड़ा पहुंची और जाल बिछाकर सब इंस्पेक्टर जितेंद्र यादव को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। एसआई को चंदनगांव में राजा की बगिया के सामने से गिरफ्तार किया गया। लोकायुक्त की टीम ने आरोपी एसआई के पास से 50 हजार रुपए कैश जब्त कर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।
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