चोइथराम चैरिटेबल ट्रस्ट में लंबे समय से चल रहा ट्रस्टी के बीच का विवाद कोर्ट पहुंचा है। इसमें गैरविधिक तरीके से ट्रस्टी बनाने के आरोप लगाए गए। हालांकि, इसमें ट्रस्ट सतीश मोतियानी को कोर्ट से राहत मिली है और समयसीमा के बाहर केस होने के चलते वाद लगाने वाले ट्रस्टी लेखराज ठाकुरदासद पागरानी को राहत नहीं मिली है।
इनके खिलाफ केस
यह केस चोइथराम चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ ही ट्रस्टी लेखराज ठाकुरदास पागरानी, ट्रस्टी लेखराज पागरानी, किशोर ठाकुरदास पागरानी, रमेश पी थानवानी, दयाल दातवानी ने लगाया। यह केस इन्होंने ट्रस्टी सतीश मोतियानी, कंचन मोतियानी पति सतीश, जय मोतियानी पिता स्वर्गीय परिमल मोतियानी, दुष्यंत मोतियानी पिता सतीश मोतियानी, भावना मोतियानी पिता सतीश मोतियानी, गौरव जगदीश जगवानी व धनवंती पागरानी पिता स्वर्गीय ठाकुरदास के खिलाफ लगाया।
क्या हैं मुद्दे?
पागरानी व अन्य ने आरोप लगाया था कि सतीश मोतियानी द्वारा 1996 और बाद में गलत तरीके से पत्नी कंचन, पुत्र दुष्यतं, पुत्री भावना के साथ ही गौरव जगवानी, जय मोतियानी को ट्रस्टी बनाया है। वहीं सतीश मोतियानी ने इसमें पक्ष रखा कि यह केस समय सीमा बाह्य है। यह मुद्दा 1996 का है और केस 2021 में लगाया गया। वहीं इन्हें केस पहले रजिस्ट्रार के पास लगाना था। रजिस्ट्रार को हर फैसले की सूचना दी गई है और साथ ही पूरी प्रक्रिया की गई।
कोर्ट ने दिया आदेश
सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने ट्रस्टी सतीश मोतियानी की बात को सही माना और कहा कि यह मामला 1996 से ही उठता आ रहा है, ऐसे में अब केस लगाने का कोई वाजिब कारण नहीं है। वहीं रजिस्ट्रार के पास जाना चाहिए था। इसके साथ ही वाद खारिज कर दिया गया।
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