चुटका परमाणु विद्युत परियोजना ( Chutka Nuclear Power Project ) पर 15 साल बाद नए सिर से काम शुरू होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ( National Security Advisor Ajit Doval ) की सलाह पर अमल करते हुए राज्य सरकार ने इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है।
बता दें, मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित चुटका परमाणु विद्युत परियोजना, जो पिछले 15 वर्षों से अटकी हुई थी, अब एक बार फिर से पटरी पर लौटने जा रही है। प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की सलाह पर अमल करने का निर्णय लिया है, ताकि इस महत्वपूर्ण परियोजना की बाधाओं को दूर किया जा सके।
विरोध के कारण सरकार को रोकना पड़ा था काम
चुटका परियोजना के लिए 1500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना था, लेकिन इस कदम का स्थानीय स्तर पर जबरदस्त विरोध हुआ। कई राष्ट्रीय संगठन भी विरोधियों के समर्थन में खड़े हो गए, जिसके चलते एक लंबा आंदोलन चला। आंदोलनकारियों ने इस परियोजना से पर्यावरण और मानवीय स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को लेकर गंभीर आशंकाएं जाहिर की थीं। इस विरोध के कारण सरकार को परियोजना का काम रोकना पड़ा।
डोभाल ने दिए सुझाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर अजीत डोभाल ने इस परियोजना के विरोध को शांत करने के लिए हस्तक्षेप किया था। डोभाल ने परियोजना के विरोधियों की समस्याओं का अध्ययन करने के बाद प्रदेश सरकार को कुछ सुझाव दिए। उनके सुझावों में भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों का मुआवजा बढ़ाना और जियो टेक्निकल इंवेस्टिगेशन कर प्लांट स्थापित करना शामिल था।
मोहन सरकार ने लिया योजना को आगे बढ़ाने का फैसला
शुरुआत में, शिवराज सरकार ने आर्थिक बोझ बढ़ने के कारण इन सुझावों पर अमल नहीं किया और परियोजना को टाल दिया। हालांकि अब प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने चुटका परमाणु विद्युत परियोजना को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। योजना के अनुसार, आंदोलनकारियों से फिर से संवाद कर समाधान निकाला जाएगा और अजीत डोभाल के फार्मूले पर अमल किया जाएगा।
नई रणनीति के तहत 120 प्रभावित परिवारों को दोबारा मुआवजा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार की योजना है कि एक वर्ष में जियो टेक्निकल इंवेस्टिगेशन कर प्लांट स्थापित करने का काम शुरू किया जाएगा।
राज्य स्तरीय समिति का गठन
परियोजना की समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रदेश सरकार ने ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति का गठन किया है। इस समिति में जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी, राजस्व, जबलपुर के कमिश्नर, मंडला के कलेक्टर और परियोजना के अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। यह समिति परियोजना के संचालन तक अपने कार्यकाल में सक्रिय रहेगी।
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना के बारे में जानिए...
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना, मध्य प्रदेश के मंडला जिले में स्थित एक प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा परियोजना है। इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र में बिजली उत्पादन के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करना है। 1984 में प्रस्तावित और दिसंबर 1991 में पंजीकृत इस परियोजना का उद्देश्य राज्य और देश को स्वच्छ और सतत ऊर्जा प्रदान करना था।
15 वर्षों से अटकी थी योजना
हालांकि, परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों की चिंताओं के कारण यह पिछले 15 वर्षों से अटकी हुई थी। मुख्य रूप से, परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय प्रभाव और संभावित स्वास्थ्य जोखिमों को लेकर स्थानीय समुदायों द्वारा विरोध किया गया था, जिसके कारण काम में देरी हुई। हालांकि अब इस योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है।
इस योजना का महत्व
- ऊर्जा सुरक्षा: चुटका परमाणु विद्युत परियोजना, मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह परियोजना राज्य को एक स्थिर और सतत बिजली आपूर्ति प्रदान कर सकती है, जिससे औद्योगिक और घरेलू उपयोग के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
- स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन: यह परियोजना पर्यावरणीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि परमाणु ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है। इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आएगी, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में सहायक हो सकता है।
- आर्थिक विकास: परियोजना के सफल क्रियान्वयन से क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। निर्माण और संचालन के दौरान रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा। इसके अलावा परियोजना से उत्पन्न बिजली राज्य के औद्योगिक विकास को भी गति देगी।
- राष्ट्रीय रणनीतिक महत्व: परमाणु ऊर्जा भारत की ऊर्जा नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चुटका परियोजना का कार्यान्वयन देश की परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो भारत की ऊर्जा विविधीकरण और आत्मनिर्भरता की रणनीति को मजबूती प्रदान करेगा।
thesootr links