Cleanest City : इंदौर को सफाई में 8वीं बार नंबर-1 बनाने के लिए विजिबल क्लीननेस पर फोकस

लगातार सात बार से इंदौर सफाई में नंबर वन आ रहा है। अब बारी है आठवीं बार भी खुद को साबित कर दिखाने की। इंदौर के 8वीं बार सफाई में नंबर वन आने के लिए इस बार 10 पैरामीटर्स तय किए गए हैं, जिनका आकलन इन सभी पैरामीटर्स को पास करने के बाद ही होगा।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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इंदौर लगातार सात बार से इंदौर सफाई में नंबर वन आ रहा है। अब बारी है आठवीं बार भी खुद को साबित कर दिखाने की। इंदौर के 8वीं बार सफाई में नंबर वन आने के लिए इस बार 10 पैरामीटर्स तय किए गए हैं, जिनका आकलन इन सभी पैरामीटर्स को पास करने के बाद ही होगा।

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दरअसल, केंद्र सरकार ने स्वच्छता के लिए आकलन तय किए हैं। यदि इन पैमानों पर इंदौर खरा उतरता है, तो पिछले सात वर्षों की तरह इस बार 8वीं बार भी इंदौर स्वच्छता में नंबर वन रहेगा। स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम कभी भी इंदौर आकर इन सभी पैरामीटर्स को अलग-अलग देखने के साथ ही लोगों से भी स्वच्छता को लेकर फीडबैक लेगी और इसके आधार पर ही इंदौर की स्वच्छता व सुंदरता की फाइनल रैंकिंग करेगी।

विजिबल क्लीननेस पर ज्यादा ध्यान

अपर आयुक्त अभिलाष मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक हम इंदौर शहर की स्वच्छता के लिए आमतौर पर वेस्ट मैनेजमेंट की बात करते थे, लेकिन अब शहर साफ भी दिखना चाहिए, यानी विजिबल क्लीननेस भी जरूरी है। इसके लिए दीवारों पर पेंटिंग्स से लेकर अवैध होर्डिंग्स को हटाया गया है। मिश्र ने बताया कि इस बार 10 मेजर पैरामीटर्स पर सर्वेक्षण किया जा रहा है और इन 10 पैरामीटर्स पर ग्रेडिंग होगी। इसके आधार पर फाइनल रैंकिंग मिलेगी। इंदौर का चयन सुपर स्वच्छ लीग में भी किया गया है। 12 शहरों को पांच अलग-अलग कैटेगरी में चयनित किया गया है। इसमें इंदौर का नाम सबसे प्रमुख शहर के रूप में रखा गया है।

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पिछले साल सर्विस लेवल प्रोग्रेस में सूरत से आगे था इंदौर

इंदौर और सूरत के बीच तुलना - विभिन्न मापदंडों पर प्रदर्शन

मापदंड इंदौर (अंक) सूरत (अंक)
सर्विस लेवल प्रोग्रेस 4709 4703
सिटीजन वाइस स्कोर 2139 2145
दस्तावेजीकरण 2500 2500

                                                        (दोनों शहरों को कुल 9348 अंक मिले थे)

31 मार्च से पहले टीम का सरप्राइज इंस्पेक्शन

स्वच्छता का आकलन करने के लिए 31 मार्च से पहले कभी भी टीम इंदौर आ सकती है। इसलिए स्वच्छता में सात बार नंबर वन रह चुके इंदौर को आठवीं बार नंबर वन बनाने के लिए नगर निगम के अधिकारियों सहित सफाई मित्र भी दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। अलग-अलग पैरामीटर्स पर इंदौर खरा उतरे, इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी खुद फील्ड में जाकर कामों को चेक कर रहे हैं और किसी भी कमी को तुरंत दुरुस्त कर रहे हैं।

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ये हैं वे 10 पैरामीटर्स

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के तहत नगर निकायों का आकलन विभिन्न मानकों के आधार पर किया जा रहा है। इसमें 10000 अंकों का विस्तृत विभाजन किया गया है। इस सर्वेक्षण में 10 प्रमुख श्रेणियों के तहत नगर निकायों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा:

विजिबल क्लीननेस
सेग्रिगेशन कलेक्शन
ट्रांसपोर्टेशन ऑफ वेस्ट
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
एक्सेस ऑफ सैनिटेशन
यूज्ड वॉटर मैनेजमेंट
एडवोकेसी फॉर स्वच्छता
स्वच्छता कर्मियों का समग्र कल्याण
मशीनीकृत सेप्टिक टैंक सफाई सेवाएं
इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग एंड इंस्टीट्यूशन पैरामीटर

इंदौर और सूरत में इस बार कांटे का मुकाबला

गुजरात का शहर सूरत पिछले वर्ष इंदौर की बराबरी पर आकर खड़ा हो गया था। इसके पहले भी तीन वर्ष तक लगातार सूरत दूसरी रैंक पर था। ऐसे में सफाई इनोवेशन, सेग्रिगेशन और रीयूज में होने वाली चूक इंदौर को भारी पड़ सकती है।

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सूरत और इंदौर में हो गया था टाई

स्वच्छता से जुड़ी सुविधाएं देने के मामले में सर्विस लेवल प्रोग्रेस (स्क्करु) स्कोर में इंदौर सूरत से 6 अंक आगे रहा। यही हमारी जीत की वजह बनी, क्योंकि सूरत पब्लिक वाइस स्कोर में हमसे 6 अंक आगे था। इससे दोनों के अंक टाई हो गए और वे संयुक्त विजेता बन गए। दस्तावेजीकरण में भी दोनों बराबरी पर थे, जबकि सिटीजन वाइस स्कोर में सूरत आगे रहा।

पूरा खेल नंबरिंग का

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इन पैरामीटर्स में अंकों की बात करें तो:-

स्वच्छता मूल्यांकन हेतु विभिन्न मापदंड और अंक वितरण

मापदंड अंक (Total Points)
विजिबल क्लीननेस 1500
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट 1500
एडवोकेसी फॉर स्वच्छता 1500
कचरा वर्गीकरण, संग्रह एवं परिवहन 1000
सैनिटेशन एक्सेस 1000
सीवेज प्रबंधन 1000
सेप्टिक टैंक क्लीननेस 500
परिस्थितिकी तंत्र एवं संस्थागत सुधार 1000
सफाई कर्मियों का कल्याण 500
जनता का फीडबैक और शिकायतें 500


इन्हीं अंकों के अनुसार टीम मार्किंग करेगी।

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दूसरे शहरों को भी मिलेगा मौका

दरअसल, इंदौर, सूरत और नवी मुंबई सहित कई ऐसे शहर हैं, जो स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार बाजी मार रहे हैं। इस स्थिति में उन शहरों को आगे आने का मौका नहीं मिल पा रहा, जो अच्छे प्रयासों के बावजूद हर बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ जाते हैं। इसी को देखते हुए देश के स्वच्छ शहरों को इस बार स्वच्छता के कड़े पैमानों से गुजरना होगा। शहरी विकास मंत्रालय ने 2025 के स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए नए फ्रेमवर्क तैयार किए हैं, जिसमें स्वच्छता में अग्रणी रहने वाले शहरों को गोल्डन क्लब में शामिल होने की चुनौती दी गई है। अन्य शहरों को भी इस क्लब में शामिल होने का अवसर मिलेगा।

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