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रविकांत दीक्षित@ भोपाल.
आपको अनिल कपूर स्टारर फिल्म 'नायक' ( Film Nayak ) तो याद ही होगी। चलिए हम बता देते हैं। फिल्म में अनिल कूपर यानी शिवाजी राव मुख्यमंत्री बनकर ताबड़ तोड़ निरीक्षण करते हैं। कार्रवाई होती है। भ्रष्ट अधिकारी- कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया जाता है। मौके पर ही जनता की मांगें पूरी करने का प्रयास होता है।
बस अब मध्यप्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) भी मानो 'नायक' बनने जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद प्रदेश की जनता को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का नया रूप देखने को मिलेगा। सीएम सचिवालय बड़े पैमाने पर इसकी तैयारी कर रहा है।
सीएम डॉ.मोहन यादव अचानक प्रदेश में कहीं भी निरीक्षण करने पहुंच जाएंगे, मौके पर जहां लापरवाही मिलेगी, वहां संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों पर सख्त रुख अपनाया जाएगा। अब आपके मन में चल रहा होगा कि ऐसे एक दम सीएम किसी भी जिले में कैसे पहुंच जाएंगे? जी हां, इसके लिए प्रदेश के सभी 52 जिलों में हेलीपैड का निर्माण कराया जा रहा है। ( CM Mohan Yadav Nayak )
अभी प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर तो हेलीपैड हैं। अब सीएम के औचक निरीक्षण को देखते हुए सूबे के हर तीन ब्लॉक में एक हेलीपैड बनाया जाएगा। सीएम सचिवालय ने लोक निर्माण विभाग को जगह चिह्नित करने को कहा है। हेलीपैड दो तरह के बनाए जाने की योजना है। लिहाजा, पीडब्ल्यूडी से दो तरह के प्रस्ताव मंगाए गए हैं।
सीएम सचिवालय ने पीडब्ल्यूडी से कहा है कि एक अस्थाई और दूसरा स्थाई हेलीपैड के प्रस्ताव बनाकर भेजे। अस्थाई हेलीपैड का निर्माण तो 25 से 35 हजार में हो जाता है। स्थाई हेलीपैड 30 मीटर के दायरे में बनता है। इस पर करीब 30 लाख रुपए का खर्च आता है। सचिवालय की चिट्ठी के बाद पीडब्ल्यूडी ने काम शुरू कर दिया है। मैदानी अमला हेलीपैड निर्माण के लिए जगह तलाशने लगा है।
हालांकि दिग्विजय सिंह जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, तब उन्होंने भी औचक निरीक्षण शुरू किया था। उनका चौपर अचानक किसी भी जिले में पहुंचता तो प्रशासनिक और पुलिस महकमे में हड़कंप मच जाता था। लापरवाही पर अधिकारी-कर्मचारी नप जाते थे। शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की शुरुआत में ऐसा किया था।