सीएम मोहन यादव एक्शन में, कलेक्टर- SP की रिपोर्ट मांगी , काम खराब तो जिले से बाहर होंगे अफसर

सरकार कामकाज में कसावट लाने के लिए कलेक्टर एसपी स्तर के अधिकारियों की रैंकिंग करने जा रही है। 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर तबादले किए जाएंगे। इनका आधार अधिकारियों की परफॉरमेंस ही रहेगी।

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Marut raj
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हरीश दिवेकर , भोपाल.  लोकसभा चुनाव की बेला खत्म होते-होते मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम मोहन यादव एक्शन में आ गए हैं। सरकार अब बड़े और कड़े फैसले लेने जा रही है। इसके लिए सीएम ने सामान्य प्रशासन विभाग ( GAD ) और पुलिस मुख्यालय ( PHQ ) को निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने सात दिन में रिपोर्ट मांगी है। 

दरअसल, सरकार कामकाज में कसावट लाने के लिए कलेक्टर एसपी स्तर के अधिकारियों की रैंकिंग करने जा रही है। अधिकारियों के कामकाज के आधार पर उन्हें नंबर दिए जाएंगे। जिन अफसरों की परफॉरमेंस संतोषजनक नहीं होगी, उन्हें जिले से बाहर कर दिया जाएगा। यानी उन्हें जिले से हटाकर दूसरे विभाग अथवा मंत्रालय में बिना विभाग के बैठा दिया जाएगा।

 कलेक्टरों की परफॉरमेंस जांचेंगी सरकार 

सीएम डॉ.मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने जीएडी को सभी 52 जिलों के कलेक्टरों की परफॉरमेंस जांचने के निर्देश दिए हैं। इसी आधार पर उनकी रैंकिंग की जाएगी। जीएडी और वरिष्ठ अधिकारी यह देखेंगे कि कलेक्टरों ने राजस्व मामलों के निराकरण, गेहूं खरीदी, नामांतरण जैसे कामों को कितनी तेजी से निपटाया है। जिले में प्रशासनिक स्तर के किन मामलों में पेंडेंसी ज्यादा है, उन्हें मार्क कर हर कलेक्टर की रिपोर्ट बनेगी। 

 एसपी स्तर के अधिकारियों की भी रैंकिंग 

सीएम के निर्देश पर प्रदेश में एसपी स्तर के अधिकारियों के कामकाज का भी आकलन किया जाएगा। भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। ऐसे में यहां एसीपी स्तर के अधिकारियों की रैंकिंग बनाई जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि उनके जिले में लॉ एण्ड ऑर्डर की स्थिति कैसी है। अपराधों के ग्राफ का आंकड़ा बढ़ रहा है या कम हो रहा है। थानों में पेंडेंसी कितनी है। 

 काम खराब तो छिन जाएगा जिले का काम 

जिन जिलों के कलेक्टरों की रैंक कम होगी, यानी उनका कामकाज संतोषजनक नहीं मिला तो संभागायुक्तों से जवाब-तलब किया जाएगा। इसी तरह जिन जिलों में पुलिस अधिकारियों का काम ठीक नहीं मिला, वहां के एआईजी और आईजी स्तर के अधिकारियों से सवाल-जवाब होंगे। कुल मिलाकर जिन जिलों के अधिकारियों की रैंक खराब आएगी, उन पर गाज गिरना तय है। 

 तबादलों का आधार परफॉरमेंस ही रहेगी

 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद प्रदेश में बड़े पैमाने पर तबादले किए जाएंगे। इनका आधार अधिकारियों की परफॉरमेंस ही रहेगी। लिहाजा, सरकार ने पहले जिलों में जमीनी काम देखने वाले कलेक्टरों और लॉ एण्ड ऑर्डर को मेंटेन करने वाले एसपी स्तर के अधिकारियों के कामकाज का आंकलन कराने का फैसला लिया है। सीएम डॉ.मोहन यादव ने स्वयं जीएडी और पीएचक्यू को इसे लेकर सख्त निर्देश दिए हैं। Harish Diwekar Journalist Bhopal हरीश दिवेकर पत्रकार भोपाल

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