छिंदवाड़ा में कांग्रेस को एक बार फिर झटका लगा है। नकुलनाथ के आदिवासियों को लेकर दिए गए बयान से आहत होकर छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहाके BJP में शामिल हो गए हैं। सीएम डॉ मोहन यादव और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सदस्यता दिलाई है।
इस बात से आहत है आदिवासी समाज
सीएम मोहन यादव ने इस दौरान कहा कि छिंदवाड़ा में नकुलनाथ के अमरवाड़ा से पूर्व विधायक कमलेश शाह को लेकर दिए बयान से आहत होकर विक्रम अहाके ने भाजपा की सदस्यता ली है। दरअसल नकुलनाथ ने कमलेश शाह के भाजपा में शामिल होने पर उनको गद्दार कहा था। शाह आदिवासी वर्ग के बड़े नेता है। विक्रम अहाके भी आदिवासी वर्ग से आते है।
ये कांग्रेसी भी BJP में शामिल
महापौर के साथ छिंदवाड़ा नगर निगम जल विभाग सभापति प्रमोद शर्मा, अनुसूचित जाति विभाग जिला अध्यक्ष श्री सिद्धांत थनेसर, पूर्व एनएसयूआई जिला अध्यक्ष श्री आशीष साहू, पूर्व एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष श्री धीरज राऊत, पूर्व एनएसयूआई जिला कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य उपाध्याय, पूर्व एनएसयूआई विधानसभा अध्यक्ष सुमित दुबे भी भाजपा में शामिल हुए।
यह नेता भी भी हो चुके छिंदवाड़ा से भाजपा में शामिल
छिंदवाड़ा जिले में भाजपा लगातार पूर्व सीएम कमलनाथ को झटके पर झटका दे रही है। कुछ दिन पहले छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस के 7 पार्षदों ने भाजपा की सदस्यता ली थी। इसके पहले पाढुर्ना नगर पालिका अध्यक्ष संदीप घोटोड़े, 16 सरपंच समेत कई नेताओं भगवा पार्टी में शामिल हुए थे। वहीं, कमलनाथ के करीबी सैयद जाफर और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना एवं पूर्व मंत्री तेजीलाल सरयाम की बहु सुहागवती सरयाम भी भाजपा छोड़ चुके हैं। अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह। हालांकि उन्होंने भाजपा की सदस्यता से पहले विधायक पद से इस्तीफा दे दिया।
कमलनाथ आज भी सम्मानीय ओर कल भी रहेंगे
कमलेश शाह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से प्रभावित होकर भाजपा में आए हैं। जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है। उन्होंने पूर्व सीएम कमलनाथ से नाराजगी के सवाल पर कहा कि उनकी कमलनाथ जी से कोई नाराजगी नहीं है। शाह ने कहा उनके लिए कमलनाथ जी कल भी सम्मानीय थे, आज भी हैं और कल भी सम्मानीय रहेंगे।
मोदी लहर में भी भाजपा को नहीं मिली जीत
छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा को 2014 में मोदी लहर के बावजूद जीत नहीं मिली थी। यहां से कमलनाथ ने 9 बार लोकसभा का चुनाव जीता और वह दो बार यहां से विधायक भी बनें। पिछली बार 2019 में छिंदवाड़ा ही एक मात्र सीट थी, जिसे भाजपा जीतने में असफल रही थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा की सातों विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी।