द सूत्र के खुलासे के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव का चला डंडा, जुलाई में उद्योगों को हुआ जमीन आवंटन निरस्त

मध्‍य प्रदेश सरकार के सूक्ष्म व मध्यम उद्योग विभाग (एमएसएमई) में जमीन आवंटन के नाम पर अधिकारियों द्वारा किए गए 90 करोड़ के खेल का द सूत्र द्वारा खुलासा होने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव का सख्त एक्शन सामने आया।

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Sanjay gupta
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INDORE : मप्र सरकार के सूक्ष्म व मध्यम उद्योग विभाग (एमएसएमई) में जमीन आवंटन के नाम पर अधिकारियों द्वारा किए गए 90 करोड़ के खेल का द सूत्र द्वारा खुलासा होने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव का सख्त एक्शन सामने आया। सीएम ने द सूत्र के खुलासे को गंभीरता से लेते हुए विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए जांच करने के आदेश दे दिए। साथ ही तत्काल प्रभाव से जमीन आवंटन की प्रक्रिया निरस्त करने के लिए कहा। इस के बाद विभाग ने आदेश जारी करते हुए जुलाई माह में हुए मध्यम उद्योगों को हुए अविकसित जमीन आवंटन को निरस्त कर दिया है।

यह आदेश हुआ जारी

आयुक्त एमएसएमई नवनीत कोठारी की ओर से संयुक्त संचालक ने यह आदेश सभी जिलों के महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र को जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि विभागीय पोर्टल के माध्यम से अविकसित भूमि आवंटन हेतु प्राप्त आवेदनों को निरस्त करने के लिए।

पत्र में है कि-

जिला व्यापार व उद्योग केंद्रों द्वारा जुलाई 2024 में विभागीय अविकसित भूमि आवंटन करने के लिए आवेदन प्राप्त किए गए है। विभागीय पोर्टल में तकनीकी समस्या होने के कारण आवेदन प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न नहीं हुई है। इसलिए सभी प्राप्त आवेदनों को तत्काल निरस्त किया जाए तथा आवेदकों द्वारा प्राप्त जमा राशि तत्काल वापस की जाए।

सबसे बड़ा खेल इंदौर में तीन जमीन आवंटन में हुआ

सबसे बड़ा खेल इंदौर में जमीन आवंटन में हुआ। तीन जमीन जिसकी बाजार कीमत 90 करोड़ रुपए से ज्यादा थी, इसे अपने वालों को कौडियों के भाव में आवंटन तय हो गया था। उनकी बोली को मान्य कर सर्वर में खेल कर दिया गया और दूसरी बोली लग ही नहीं पाई।

1. 40 करोड़ की जमीन का खेल -एमएसएमई विभाग ने 16 जुलाई को सांवेर तहसील की राजौदा गांव की 9.46 एकड़ अविकसित जमीन के आवंटन की बुकिंग शुरू। सुबह 10 बजे बुकिंग शुरू हुई, तीन लोगों ने इसमें भागीदारी तीन मिनट के भीतर कर दी। इसमें एक इसी विभाग का लाइजनर सीए का रिश्तेदार है, जो पहला भागीदार था, इसके बाद दो अन्य ने इसमें बुकिंग डाली। इसके बाद एक व्यक्ति ने जब 10 बजकर 6 मिनट पर बोली डाली तो वह सर्वर ने ली ही नहीं, यानी सर्वर अपने वालों की बोल लेकर बंद हो चुका था। इस जमीन की औपचारिक कीमत केवल 88 लाख रुपए है लेकिन बाजार में यह कीमत 40 करोड़ रुपए की है।

2. 20 करोड़ की जमीन का खेल- विभाग ने 16 जुलाई को ही राउ रंगवासा की 2.37 एकड़ जमीन के आवंटन की बुकिंग शुरू की लेकिन इसमें भी एक बोली लगी और इसके बाद सर्वर बंद हो गया। यह जमीन की कीमत 1.81 करोड़ रुपए बताई गई है लेकिन बाजार कीमत 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की है।

3. 30 करोड की जमीन का खेल- इसी तरह इसी दिन 16 जुलाई को ही सांवेर की ही एक जमीन जो करीब सात एकड़ की है इसकी बुकिंग शुरू की गई, इसमें भी एक ही बुकिंग हुई और फिर सर्वर बंद हो गया। इस जमीन की औपचारिक कीमत 75 लाख रुपए है लेकिन वास्तविक बाजार कीमत 30 करोड़ के करीब होती है। यह दोनों ही बुकिंग में भी 16 जुलाई की सुबह 10 बजे से 23 जुलाई की शाम 6 बजे तक बुकिंग की समयसीमा दी गई थी। लेकिन दोनों में ही केवल एक-एक बोली आई और खेल करते हुए बुकिंग को बंद कर दिया गया।

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विभाग में यह बैठे IAS अधिकारी- विभाग सबसे अमीर मंत्री चैतन्य कश्यप का

विभाग में अभी विकसित जमीन का आवंटन बंद है, पोर्टल पर इसकी सूचना है। लेकिन अविकसित जमीन जो बहुत ही कम दरों में मिलती है, उसका आवंटन अभी जारी है। यह केवल मध्यम श्रेणी के उद्योगों को ही आवंटित हो सकती है। लेकिन विभाग में बैठे जिम्मेदार आईएएस अधिकारियों ने इसमें आंखे मूंद कर आंवटन शुरू कर दिया। एमएसएमई विभाग में डायेरक्टर व सचिव अभी आईएएस नवनीत कोठारी है। वहीं एमपीएसईडीसी जो विभाग के ई बोली पोर्टल को देखता है, इसके एमडी आईएएस अंशुल गुप्ता है। विभाग के मंत्री चैतन्य कश्यप है, सबसे अमीर मंत्रियों में से एक है और जो शासन से वेतन और भत्ते नहीं लेने की घोषणा के लिए जाने जाते हैं। 

जमीन आवंटन के नियम क्या है पहले यह देखते हैं

1. मप्र भूमि आवंटन नियम 2021 के तहत हर तीन माह में रिक्त भूमि की जानकारी जिलों से विभाग संचालनालय जाएगी और फिर वह इसकी सूची जारी करेंगे।
2. हर माह की 7 तारीख पर पोर्टल पर इसकी सूचना दी जाएगी और दो समाचार पत्रों में भी जानकारी दी जाएगी।
3. इन विज्ञापन के प्रकाशन के 10 दिन बाद माह की 21 तारीख को ई नीलामी शुरू होगी।
4. यह नीलामी कम से कम 24 घंटे चलेगी, सिंगल बोली आई तो भी मान्य होगी, बोली के समय 25 फीसदी राशि व अन्य शुल्क देय होगा।
5. आवंटन होने के बाद 45 दिन में पूरी राशि देना होगी और डीआईसी लीज करार करेगा।

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नियम 21 तारीख का तो बोली 16 जुलाई को कैसे हुई?

नियम के तहत समाचार पत्र प्रकाशन के दस दिन बाद और माह की 21 तारीख से ई बोली होना चाहिए, फिर रंगवासा, राजौदा और सांवेर (इंदौर) की जमीन की ई बोली 16 जुलाई से कैसे शुरू की गई? समाचार पत्र प्रकाशन को दस दिन हुए बिना ई बोली शुर हुई। सर्वर कम से कम 24 घंटे तो चलना ही था लेकिन बोली आने के पांच मिनट बाद कैसे बंद हुआ?

रंगवासा की जमीन का विज्ञापन 15 जुलाई को छपा

रंगवासा की जमीन 2.37 एकड़ जिसकी बाजार कीमत 20 करोड़ से ज्यादा है, इसकी ई नीलामी का विज्ञापन इंदौर के समचार पत्र में 15 जुलाई को प्रकाशति हुआ और बोली 16 जुलाई की सुबह 6 बजे शुरू कर दी गई। ताकि कोई भी आवेदक इसके लिए लगने वाले दस्तावेज, चेक आदि राशि की तैयारी ही नहीं कर सके। इसके बाद 16 जुलाई की सुबह 10 बजे बोली शुरू होती है और इसे इसके बाद तत्काल बंद कर दिया जाता है। जबकि नियम साफ है कि विज्ञापन प्रकाशन के दस दिन बाद बोली शुरू होगी और महीने की 21 तारीख से होगी और कम से कम 24 घंटे चालू रहेगी।

द सूत्र अगली न्यूज में खुलासा करेगा कि किस तरह अधिकारी सांठगांठ करते हुए करोड़ों की जमीन कौडियों के भाव में दे रहे थे, कैसे हुआ पूरा खेल...

sanjay gupta

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