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भोपाल में हर सोमवार और मंगलवार को बीजेपी विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( cm mohan yadav ) ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। इस नई व्यवस्था के तहत सभी विधायक इन दो दिनों में भोपाल में रहकर मुख्यमंत्री और मंत्रियों से अपने क्षेत्र की विकास योजनाओं और समस्याओं पर चर्चा करेंगे।
विधायकों से सीधा संवाद बनाने की रणनीति
इस पहल का उद्देश्य क्षेत्रीय विकास कार्यों को तेज करना और विधायकों की समस्याओं को सीधे सुना जाना है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रियों को निर्देश दिए हैं कि वे भी इन दो दिनों में भोपाल में रहें, ताकि विधायकों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
यह निर्णय विशेष रूप से कैबिनेट की बैठक के दिनों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। साथ ही विधायकों से सीधा संवाद बनाने की रणनीति के तहत ये फैसला लिया गया है, ताकि किसी भी विधायक को यह शिकायत न रहे कि मुख्यमंत्री या मंत्री उनसे नहीं मिलते। इसके साथ ही BJP के पार्टी संगठन के पदाधिकारियों से भी नियमित मुलाकात हो सकेगी।
संभागवार बैठकों के बाद लिया फैसला
विधायकों को सलाह दी गई है कि वे सोमवार और मंगलवार को भोपाल में रहते हुए मंत्रालय और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करें। अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे विधायकों की समस्याओं और विकास कार्यों को प्राथमिकता दें।
इस व्यवस्था की शुरुआत पिछले माह विधायकों के साथ की गई संभागवार बैठकों के बाद की गई है। कई विधायकों ने उन बैठकों में मंत्रियों से मिलने में कठिनाइयों का मुद्दा उठाया था। सीएम यादव के निर्देश के बाद, अब विधायकों को अपने क्षेत्रीय कार्यों के लिए भोपाल में रुकना पड़ रहा है और मंत्रियों के साथ समन्वय स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है।
अधिकारी भी भोपाल में ही रहेंगे
मंत्रालय और डायरेक्टोरेट के अफसरों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे विधायकों की बातों को सुनें। बताया जाता है कि मौखिक निर्देश के जरिए लागू की गई व्यवस्था के बाद अब बीजेपी विधायक हर सोमवार और मंगलवार को अपने क्षेत्र के रोडमैप और अन्य कार्यों को लेकर भोपाल में रुकने भी लगे हैं।