Indore. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कलेक्टर आशीष सिंह ( Collector Ashish Singh ) ने दो प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर एक्शन लिया है। कलेक्टर ने नारायणा-ई टेक्नो स्कूल ( Narayana-E Techno School ) और ज्ञान कार्निवाल स्कूल ( Gyan Carnival School ) पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना ठोका है। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश निजी विद्यालय ( Madhya Pradesh Private School ) ( फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमयन ) अधिनियम 2020 में की है। दरअसल जिला प्रशासन को स्कूलों द्वारा छात्रों से ड्रेस एवं कॉपी खरीदने के नाम पर अधिक पैसे लेने की शिकायत मिल रही थी। जिसके बाद कलेक्टर ने शिकायत की जांच करवाकर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
कलेक्टर ने गठित की जांच समिति
शिकायत की जांच में पाया गया कि नारायणा-ई टेक्नो स्कूल इंदौर द्वारा विद्यालय से ड्रेस, कॉपी-किताब विक्रय किये जा रहे है। शिकायत के आधार कलेक्टर द्वारा गठित जांच समिति द्वारा विद्यालय का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल ने पाया कि विद्यालय द्वारा विक्रय की जा रही किताबें एवं कापियां जिन पर विद्यालय नारायणा एजुकेशन इंस्टीट्यूट छपा पाया गया, उक्त सामग्री जब्त कर पंचनामा की कार्रवाई की गई।
निरीक्षण दल को संस्था प्राचार्य रेखा एस. नायर द्वारा बताया गया कि विद्यालय की गणवेश और किताबों के लिए विद्यार्थी ऑनलाइन पेमेंट एप के माध्यम से प्रदान की जाती है। संस्था द्वारा छपा कॉपी किताबों का विक्रय संस्था से ही होना प्रमाणित पाया गया। प्राप्त शिकायत सही पाए जाने के बाद प्राइवेट नारायणा-ई टेक्नो स्कूल इंदौर को कारण बताओं नोटिस पत्र जारी किया गया है। जिस पर कलेक्टर ने प्राचार्य/संचालक, नारायणा-ई टेक्नोस्कूल, इंदौर पर राशि दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
ज्ञान कार्निवाल स्कूल पर भी ठोका 2 लाख जुर्माना
वहीं इंदौर के ही प्राइवेट संस्था ज्ञान कार्निवाल स्कूल क्लर्क कॉलोनी इंदौर के अधिकृत दुकान से कॉपी-किताब, गणवेश विक्रय किए जाने संबंधी शिकायत समिति को प्राप्त हुई। जांच समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान जब्त दस्तावेज के अनुसार विद्यालय के द्वारा ड्रेस के लिए सोनू गारमेन्ट नंदा नगर और कॉपी-किताब 6/3 सुन्दर अपार्टमेन्ट, परदेशीपुरा से ही पालकों को क्रय करने के लिए बाध्य करना पाया गया। निरीक्षण दल ने यह भी पाया कि उक्त संस्था में निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 अनुसार खेल मैदान नहीं है।
NCERT के अतिरिक्त अन्य रिफरेन्स बुक चलाने, अधिकृत दुकानों एवं विद्यालय द्वारा गणवेश एवं पुस्तकें क्रय करने के लिए पालकों को बाध्य करना और सूचना पटल पर गणवेश एवं कॉपी-किताब का प्रदर्शन नहीं किया जाना प्रमाणित पाया गया। शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित अशासकीय संस्था ज्ञान कार्निवाल स्कूल को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया गया। जांच समिति ने प्राचार्य/संचालक पर दो लाख रुपए का जुर्माना ठोका है।
मनमानी नहीं रुकी तो लगेगा डबल जुर्माना-जिला शिक्षा अधिकारी
इंदौर के जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश कुमार व्यास ने बताया कि जिला स्तरीय समिति ने दोनों स्कूलों को 7 दिन में जिला समिति के माध्यम से राशि जमा कर पावती जिला शिक्षा अधिकारी को प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए है। नियत तिथि में राशि जमा नहीं किए जाने की स्थिति में उक्त राशि भू-राजस्व की बकाया के रूप में वसूल की जाएगी।
संस्था को यह भी निर्देशित किया गया है कि पालकों को खुली दुकानों से सरल एवं सुगमता से कॉपी-किताब, ड्रेस, टाई, जूते आदि खरीदने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि भविष्य में पुनरावृत्ति होने पर चार लाख रुपए का जुर्माना और म.प्र. निजी विद्यालय ( फीस तथा संबंधित विषयों का विनिमयन ) अधिनियम 2020 के उपनियम 9 के अंतर्गत आपके विद्यालय की मान्यता रद्द या निलंबित करने की कार्रवाई की जाएगी।