Indore Municipal Corporation bill scam
संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर नगर निगम के 150 करोड़ रुपए तक पहुंच चुके बिल घोटाले ( इंदौर नगर निगम बिल घोटाला ) में द सूत्र ने आरोपी पांचों कंपनियों के कारोबार के कई दस्तावेज खंगाले हैं। इसमें सामने आया कि आरोपी कंपनियों में से तीन कंपनियों नींव कंस्ट्रक्शन ( साजिद मोहम्मद ), ग्रीन कंस्ट्रक्शन ( मोहम्मद सिद्दकी ) और क्षितिज कंस्ट्रक्शन ( राहुल वढेरा और रेणु वढेरा ) का तो जीएसटी नंबर ही सस्पेंड हो चुका है। इन पांचों कंपनियों ने बीते पांच साल में 2018-19 से 2022-23 तक कुल 113 करोड़ का कारोबार करना रिकार्ड पर बताया है।
कब सस्पेंड हुए जीएसटी नंबर
नींव कंस्ट्रक्शन और आरोपी फर्म क्षितित का लाइसेंस उन्हीं के संचालकों साजिद और वढेरा के आवेदन पर जीएसटी विभाग ने निरस्त कर दिया था। नींव का 29 फरवरी 2024 को और क्षितिज क एक अक्टूबर 2022 को ही निरस्त हो चुका है। वहीं ग्रीन का जीएसटी नंबर खुद विभाग ने 8 अप्रैल 2024 को सस्पेंड कर दिया, यानि इस बिल घोटाले पर एफआईआर होने से 8 दिन पहले।
सिद्दकी के तीन फर्म और वढेरा की दो फर्म
उल्लेखनीय है कि नींव कंस्ट्रक्शन के साजिद मोहम्मद और किंग कंस्ट्र्क्शन के जाकिर दोनों ग्रीन कंस्ट्रक्शन के मालिक सिद्दकी के ही बेटे हैं। इन तीनों ही फर्म का कुल पांच साल में कारोबार 50 करोड़ के करीब रहा है। वहीं वढ़ेरा दंपत्ति की फर्म क्षितिज और जान्हवी का मिलाकर पांच साल में 63 करोड़ का टर्नओवर रहा है।
जाकिर और राहुल दो सबसे बडे खिलाड़ी
पुलिस की जांच में आया है कि इन पांचों फर्म के ठेकेदारों में सबसे बड़े खिलाड़ी किंग कंस्ट्र्क्शन का जाकिर और क्षितिज कंस्ट्र्क्शन व जान्हवी कंस्ट्र्क्शन का राहुल वढेरा था। सभी फर्मों के काम मोटे तौर पर यही देखते और करते थे। यह दोनों ही इंजीनयिर अभय राठौर के साथ संपर्क में थे और यह तीनों ही मिलकर पूरी फर्जी फाइल बनाने का खेल रचते थे। इस पूरे धंधे में सबसे बडा हिस्सा राठौर का करीब 50 फीसदी होता था, बाकी में निगम की गैंग के अन्य लोग और ठेकेदार रखता था।
किस कंपनी ने कितना किया टर्नओवर और कितना भरा जीएसटी
1- नींव कंस्ट्रक्शन ने 2018-19 के दौरान तीन साल ही काम करना बताया है, उसने 2019-20 और 2022-23 में कोई काम नहीं किया ऐसा रिकार्ड में बताया है। तीन साल में कंपनी ने करीब 13 करोड़ का काम किया और 1.56 करोड़ का जीएसटी भरा है।
2- ग्रीन कंसट्रक्शनग्रीन कंसट्रक्शन ने 2018-19 से 2021-22 तक काम किया है, चार साल तक। इस दौरान उसका टर्नओवर कुल 15.70 करोड़ रुपए रहा और जीएसटी के तौर पर 1.90 करोड़ रुपए भरे हैं।
3- किंग कंस्ट्रक्शन ने भी 2022-23 में काम नहीं बताया है। बाकी चार सालों में उसने करीब 21 करोड़ के काम किए हैं और 2.91 करोड़ का जीएसटी भरा है।
4- क्षितिज कंस्ट्रक्शन ने पांचों साल काम किया है और इस दौरान उसका पांच साल में कुल टर्नओवर करीब 30 करोड़ रुपए रहा और जीएसटी में उसने 3.81 करोड़ रुपए भरे।
5- इन्हीं वढेरा दंपत्ति की एक और फर्म जान्हवी में पांच साल में कुल कारोबार करीब 33 करोड़ रुपए का रहा और उसने 4.17 करोड़ का जीएसटी भरा है।
खातों में राशि आते ही कैश में निकलती और राठौर तक जाती
द सूत्र के पास इन कंपनियों के बैंक डिटेल भी मौजूद है। इन खातों से सामने आया कि निगम से बिल राशि मिलने के बाद इन खातों से कुछ दिन में कैश राशि निकलना शुरू होती थी। मोटे तौर पर यह राशि 5-5 लाख रुपए में होती थी। यह राशि कुछ दिन में खाते से खाली हो जाती थी। यानी फर्जी फाइल के बिल से राशि ठेकेदार के खाते में पहुंची और फिर इसे कैश निकालकर निगम के इंजीनियर राठौर और उसकी गैंग को कैश में दिया जाता था। बाकी हिस्सा ठेकेदार अपने पास रखता था। ऐसा इन फर्म के सभी खातों में साफ दिख रहा है। अब पुलिस इसी मनी ट्रेल को देख रही है कि यह राशि निकल कर किन-किन के बीच बंटी और कितना हिस्सा किसने रखा और फिर यह राशि कहां पर लगाई गई।
इंदौर नगर निगम बिल घोटाले में आरोपी Accused in Indore Municipal Corporation bill scam