संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर गुरुसिंघ सभा (Indore Gurusingh Sabha) के 12 साल बाद होने वाले चुनाव को लेकर एक बार फिर असमंजस छा गया है। बुधवार को चुनाव अधिकारियों को नाम वापसी के बाद चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम चस्पा करने थे, लेकिन इसे रोक दिया गया। चुनाव कमेटी ने अकाल तख्त के साथ आए सदस्यों के साथ बैठक की और इसमें चुनाव आगे बढ़ाने की बात उठी। अंतिम फैसला नहीं होने से तय हुआ कि कमेटी फिर गुरुवार को बैठक कर फैसला लेगी।
इसलिए छाया हुआ असमंजस
मुख्य चुनाव अधिकारी राजिंदर बाबा (Rajinder Baba) अभी चुनाव कार्यालय नहीं पहुंचे हैं। ऐसी खबर भी चल रही है कि त्रिलोचन सिंह बासु मुख्य चुनाव अधिकारी होंगे जो अभी चुनाव अधिकारी की भूमिका में हैं। उधर अकाल तख्त के प्रतिनिधि भी आए हैं। सभी जगह से ये बात उठ रही है कि चुनाव प्रक्रिया बहुत शॉर्ट नोटिस पर हो रही है और प्रचार के लिए समय ही नहीं है। वहीं मतदाता सूची में सहजधार सिख नहीं होने को लेकर मामला उलझन में है। इसके साथ ही इसी मसले को लेकर हाईकोर्ट इंदौर में भी याचिका लग चुकी है जिस पर अभी फैसला नहीं आया है। इन सभी विधिक मुद्दे को देखते हुए पहले तय हुआ कि चुनाव को करीब महीनेभर आगे बढ़ाया जाए, लेकिन फिर विचार हुआ कि इस मामले में हाईकोर्ट का फैसला आने दीजिए। साथ ही एक बार अकाल तख्त को भी सारी स्थिति बता दी जाए, इसके बाद फैसला करेंगे।
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गुरुवार को फिर बैठेगी कमेटी
चुनाव कमेटी एक बार फिर गुरुवार को बैठक करेगी। इसमें चुनाव को लेकर तय किया जाएगा कि कितने दिन के लिए टालना है या नहीं टालना है। यदि चुनाव टाले जाते हैं तो फिर नामांकन क्या यही रहेंगे या फिर नए सिरे से होंगे। इन सभी बिंदुओं को लेकर भी चुनाव कमेटी को स्थिति साफ करनी होगी। यदि चुनाव लंबे खिंचते हैं तो उधर मार्च महीने में फिर प्रशासन इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर सकता है क्योंकि लोकसभा चुनाव में अधिकारी जुटे होंगे, ऐसे में फिर चुनाव मई के बाद ही संभव होंगे।