लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में संगठन को लेकर नाराजगी खुलकर सामने आने लगी है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ( Ajay Singh Rahul ) ने संगठन के काम पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर भी बड़ा हमला बोला और कहा, जीतू पटवारी ( jeetu patwari ) के कार्यकाल की उच्च स्तर पर समीक्षा होनी चाहिए। हाई कमान तय करे कि आगे मध्य प्रदेश के लिए किस तरह के रणनीति बने।
एमपी में कांग्रेस का नहीं खुला खाता
लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में इस बार कांग्रेस का सफाया हो गया है। छिंदवाड़ा समेत बीजेपी ने प्रदेश की सभी 29 सीटों पर जीत हासिल की है। हार के बाद कांग्रेस नेताओं में खुलकर रार सामने आ गई है। कांग्रेस नेता अजय सिंह राहुल ने गुरुवार को वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधा है।
'हार की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी'
अजय सिंह ने कहा कि साल 2013 में जब मैं नेता प्रतिपक्ष था, तब कांग्रेस की प्रदेश में हार हुई तो मैंने इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा, जिम्मेदारी तो लेना पड़ेगी। केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश की समीक्षा करे। इतनी बुरी हार आज तक नहीं हुई है। कमलनाथ का नाम लिए बिना कहा, एक बड़े नेता के आने-जाने का निर्णय भी नुकसानदायक रहा। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, मैं प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी के कार्यकाल की उच्च स्तरीय समीक्षा की मांग करता हूं। ना सिर्फ पार्टी को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा, बल्कि बड़ी संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ दी। इसके लिए उन्हें पार्टी छोड़ने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि चुनाव में पार्टी की हार के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए।
कांग्रेस कार्यकर्ता निराश हैं : अजय
अजय सिंह पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत अर्जुन सिंह के बेटे हैं। अजय ने कहा, कांग्रेस कार्यकर्ता हतोत्साहित और निराश हैं, जो पार्टी के भविष्य के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने आगे पूछा कि पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अपने गृह क्षेत्र से बाहर क्यों नहीं निकले? नेतृत्व इस बात का पता करे कि चुनाव के दौरान किसने प्रचार किया।
'जो छोड़कर गए, उनकी वापसी ना हो'
अजय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत जैसे नेताओं के पार्टी छोड़ने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, अवसरवादी और स्वार्थी नेताओं ने संकट के समय पार्टी छोड़ दी। उन्हें कभी वापस नहीं लिया जाना चाहिए। चाहे उस व्यक्ति का कद कुछ भी हो।