कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी अपने बूथ में ही नोटा को नहीं जिता सके, लालवानी 200 से ज्यादा बूथ पर नोटा से हारे

विधानसभा चुनाव दिसंबर 2023 में पटवारी की 35 हजार वोट से हार हुई थी। उन्हें तब 1.16 लाख वोट मिले थे और बीजेपी के मधु वर्मा को 1.51 लाख वोट हासिल हुए थे।

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Pratibha ranaa
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संजय गुप्ता@ INDORE.

कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम के मैदान छोड़ने के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ( jitu patwari ) ने नोटा के पक्ष में प्रचार करने की घोषणा की और इसकी मुहिम शुरू की। इंदौर संसदीय सीट के लिए 2397 मतदान केंद्रों में से 200 से ज्यादा केंद्रों पर नोटा की जीत हुई और बीजेपी प्रत्याशी की हार हुई। लेकिन इस सारी मुहिम के बीच पटवारी अपने ही गृहक्षेत्र और बूथ पर नोटा को जीत नहीं दिला सके। 

क्या रहा पटवारी के गृहक्षेत्र और बूथ का हाल

पटवारी के गृहक्षेत्र बीजलपुर वार्ड में बीजेपी 15 हजार से अधिक वोट की लीड लेकर निकली। वहीं उनके बूथ की बात करें तो उनके बूथ पर नोटा को 105 वोट मिले। वहीं बीजेपी प्रत्याशी को 513 वोट हासिल हुए।

पटवारी खुद को मिले वोट का आधा भी नोटा में नहीं डलवा सके

विधानसभा चुनाव दिसंबर 2023 में पटवारी की 35 हजार वोट से हार हुई थी। उन्हें तब 1.16 लाख वोट मिले थे और बीजेपी के मधु वर्मा को 1.51 लाख वोट हासिल हुए थे। बीजेपी ने तो राऊ से लोकसभा में अपना वोट बैंक बढ़ाकर 1.84 लाख कर लिया। लेकिन पटवारी अपने मिले वोटों का आधा हिस्सा भी नोटा का नहीं डलवा सके। नोटा को यहां से केवल 28,626 वोट मिले। यहां लोकसभा में कुल 2.30 लाख वोट डले थे। राऊ के केलुल 291 बूथ में से नोटा को केवल 18 बूथ पर बीजेपी से ज्यादा वोट मिले हैं।

नोटा को लोकसभा के हर बूथ पर मिले वोट

इंदौर लोकसभा के कुल 2397 बूथ में से 200 से ज्यादा बूथ पर बीजेपी, नोटा से हार गई है। वहीं एक रिकार्ड यह भी रहा कि लोकसभा सीट के सभी बूथ पर नोटा को वोट मिले हैं। सभी आठों विधानसभा में एक भी ऐसा बूथ नहीं रहा है जहां पर नोटा को लोगों ने वोट नहीं दिया हो। 

मंत्री विजयवर्गीय और विधायक हार्डिया का क्षेत्र के बूथ नोटा में आगे
-    इंदौर एक विधानसभा जो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा है, यहां के 330 बूथ में से करीब 40 पर नोटा ने जीत हासिल की है यानी कि यहां बीजेपी के शंकर लालवानी को नोटा से भी कम वोट मिले हैं। 
-    इंदौर तीन विधानसभा जो गोलू शुक्ला की है। इसमें कुल 194 बूथ है, जिसमें बीजेपी को 27 बूथ पर नोटा से हार मिली है। 
-    इंदौर चार विधानसभा जो मालिनी गौड़ की विधानसभा है और बीजेपी की अयोध्या कहलाती है। यहां पर बीजेपी को नोटा ने 24 बूथ पर हराया है। कुल बूथ 215 है। 
-    इंदौर पांच विधानसभा जो बीजेपी विधायक व पूर्व मंत्री महेंद्र हार्डिया की विधानसभा है, यहां पर सबसे ज्यादा 90 से ज्यादा बूथ पर बीजेपी को हार मिली है। यहां कुल 391 बूथ है।

विधायक मेंदोला और पटेल ने रखी लाज

उधर सावेंर विधायक और मंत्री तुलसी सिलावट के साथ ही प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट से जीत हासिल करने वाले विधायक रमेश मेंदोला और देपालपुर विधायक मनोज पटेल ने बीजेपी की लाज रखी है। सांवेर में मात्र दो बूथ पर ही नोटा बीजेपी से आगे रहा है। वहीं देपालपुर और विधानसभा दो में किसी भी बूथ पर बीजेपी की नोटा से हार नहीं हुई है। सांवेर में 324, देपालपुर में 285 और इंदौर दो में कुल 314 बूथ हैं। 

इंदौर पांच से नोटा को मिले सबसे ज्यादा 53,133 वोट

  • देपालपुर- बीजेपी को 80.79 फीसदी 1.43 लाख वोट, नोटा को 10 फीसदी  17771 वोट
  • इंदौर एक- बीजेपी को 79.64 फीसदी 1.80 लाख वोट, नोटा को 14 फीसदी यानी 31835 वोट
  • इंदौर दो- बीजेपी को 84 फीसदी यानी 1.75 लाख वोट, नोटा को 10.21 फीसदी वोट बैंक यानी 21330 वोट
  • इंदौर तीन- बीजेपी को 72.47 फीसदी 79249 वोट, नोटा को 21.58 फीसदी 23618 वोट
  • इंदौर चार- बीजेपी को 80.45 फीसदी वोट यानी 1.26 लाख वोट और नोटा को 14.65 फीसदी यानी 22956 वोट
  • इंदौर पांच- बीजेपी को 69 फीसदी 1.67 लाख वोट नोटा का 22 फीसदी 53133 वोट
  • राऊ- बीजेपी को 80 फीसदी वोट यानी 1.84 लाख वोट, नोटा का 12.42 फीसदी वोट यानी 28626 वोट
  • सांवेर- बीजेपी को 81 फीसदी वोट बैंक यानी 1.67 लाख वोट, नोटा का 9.25 फीसदी वोट बैंक यानी 19086 वोट।

इंदौर विधानसभा 5 के कारण अंतिम दो राउंड ही हारे लालवानी

  •    18वें राउंड में बीजेपी के लालवानी को केवल 3760 वोट मिले और नोटा को 5518 वोट हासिल हुए। यानी लालवानी 1758 वोट से नोटा से हार गए।
    -    19वें राउंड में बीजेपी के लालवानी को और भी कम केवल 1042 वोट मिले, नोटा को 4938 वोट हासिल हुए। यानी यहां लालवानी नोटा से 3896 वोट से हार गए।

उधर बीजेपी प्रवक्ता सलूजा ने पटवारी पर कसा तंज

बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने जीतू पटवारी को लेकर तंज कसा है कि उनके अध्यक्ष बनने के बाद तीन विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी.22 हजार से अधिक नेताओं ने कांग्रेस छोड़ी, 5 लाख से अधिक कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ी, खुद के गृह नगर इंदौर में कांग्रेस के प्रत्याशी ने कांग्रेस छोड़ी। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़, खाता तक नहीं खुला। सलूजा ने यह भी कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 5.20 लाख वोट थे, नोटा को वह केवल 2.18 लाख वोट दिला सके, 3 लाख वोट बीजेपी में चले गए।

Jitu Patwari जीतू पटवारी