JABALPUR. बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान ने अपनी किताब 'प्रेग्नेंसी बाइबल' के जुड़े विवाद के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब दिया है। उन्होंने किताब की बिक्री पर रोक लगाने वाली याचिका पर आपत्ति जताई है। साथ ही करीना कपूर खान ने जवाब में कहा कि किताब के माध्यम से उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं है।
हाई कोर्ट के नोटिस का दिया जवाब
करीना कपूर खान के वकील दिव्य कृष्ण बिलैया और निखिल भट्ट ने मंगलवार 27 अगस्त को जबलपुर हाईकोर्ट को बताया है कि किताब के टाइटल में कुछ भी विवादित नहीं है, किताब में ऐसा कुछ नहीं है कि किसी की भी धार्मिक भावनाएं आहत हों या फिर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे। अब इस मामले में सुनवाई 10 सितंबर को होगी।
क्या है मामला?
दरअसल, पूरा मामला फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान की किताब 'करीना कपूर खान्स प्रेग्नेंसी बाइबल' से जुड़ा है। करीना कपूर खान ने यह बुक अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान शारीरिक और भावनात्मक अनुभवों पर लिखी हैं। जिसे उन्होंने 9 अगस्त 2021 को लॉन्च किया था। साथ ही इस किताब को अपना तीसरा बच्चा बताया था।
धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप
किताब के शीर्षक पर आपत्ति जताते हुए ईसाई धर्म के लोगों ने विरोध जताया था। 2022 में यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचा था। वकील किस्ट्रोफर एंथोनी ने मामले में किताब लेखक, प्रकाशक और इसके पब्लिशिंग से जुड़े लोगों के खिलाफ हाईकार्ट में याचिका दायर की थी। साथ ही एफआईआर की मांग की थी। एंथनी ने किताब का टाइटल में बाइबिल शब्द से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का तर्क दिया है। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने करीना कपूर खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
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