श्रीमान कहां बंद हुए अहाते ! राजधानी भोपाल में खुलेआम छलकते हैं जाम

ठेकेदारों के इशारे पर भोपाल की सड़कें कैसे अहातों में बदल गई हैं, इसे द सूत्र ने अपने कैमरे में कैद किया है। इन तस्वीरों को देखकर आप समझ जाएंगे कि ये केवल फुटपाथी रेहड़ी वालों का काम नहीं है।

author-image
Sanjay Sharma
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-06-22T141429.441.jpg
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

भोपाल. खुले में शराब  (Liquor ) पीना भले अपराध है, लेकिन पुलिस इस पर लगाम नहीं कस पा रही है। केवल अंधेरे में ही नहीं दिन में भी राजधानी के शराब ठेकों के पास शराबखोरी हो रही है। शराब ठेकेदारों के संरक्षण में पुलिस के चैकिंग पाइंट और सीसीटीवी कैमरों के दायरे में खूब जाम छलकते हैं। यह सब आते-जाते लोगों को तो दिखता है बस पुलिस और आबकारी अधिकारियों को ही नजर नहीं आता। जिम्मेदारों का यह रवैया भी साफ करता है कि कहीं कुछ तो गड़गड़ है। 

ठेकेदारों के इशारे पर भोपाल की सड़कें कैसे अहातों में बदल गई हैं इसे द सूत्र ने अपने कैमरे में कैद किया है। इन तस्वीरों को देखकर आपस समझ जाएंगे कि ये केवल फुटपाथी रेहड़ियों वालों का काम नहीं है। क्योंकि बिना ठेकेदार के संरक्षण ऐसी कोई दुकान सड़क किनारे बैठकर शराब पीने की सुविधा नहीं दे सकती। शराब पिलाने से दुकानदारों को मुनाफा तो होता ही है, उनसे ठेकेदार के लोग भी वसूली करते हैं। 

हमीदिया रोड स्थित शराब ठेके

पहली तस्वीर भोपाल स्टेशन के बाहर हमीदिया रोड स्थित शराब ठेके की है। ठेके से शराब खरीदने के बाद लोग बाहर ही जाम छलकाने लगते हैं। इसके लिए उन्हें वहां खड़े ठेले से खाने का सामान और डिस्पोजल गिलास खरीदना जरूरी है, लेकिन इस सुविधा के बदले यह सामान के लिए कीमत ज्यादा चुकानी पड़ती है। सड़क पर खुला यह अवैध आहात ऐसी जगह है जहां से चंद मीटर दूर पुलिस चौकी है। वहीं दिनभर में सैंकड़ा भर से ज्यादा पुलिसकर्मी और दर्जनों अधिकारी भी गुजरते हैं लेकिन किसी की नजर इस ओर नहीं पड़ती।

इस तस्वीर को देखिए यह, हबीबगंज रेलवे स्टेशन रोड पर खुले शराब ठेके की है। मानसरोवर कॉम्पलेक्स के सामने स्थित इस ठेके के सामने दिन शुरू होने से लेकर देर रात तक मेले जैसा नजारा रहता है। दर्जन भर हाथठेले और उनके आसपास बैठकर पीने की सुविधा भी उपलब्ध है। यह जगह सात ट्रैफिक के चेकिंग पाइंट से मुश्किल से 100 मीटर दूर है। यहां खुलेआम होने वाली शराबखोरी रोकने पुलिस नहीं आती, बस हेलमेट और सीटबेल्ट की चेकिंग में ही व्यस्त रहती है। 

दुकान बंद तो चिंता क्यों, बैकविंडो से हाजिर से शराब 

राजधानी के शराब ठेकों से मदिराप्रेमियों के लिए एक और स्पेशल सर्विस दी जा रही है। यह सेवा भले ही आबकारी के नियमों का उल्लंघन हो लेकिन ठेकेदार को इससे हर रात खासी कमाई होती है। यह सेवा है बैक विंडो की। शराब ठेकों के बंद होने के बाद भले शटर पर ताले लटके दिखते हैं लेकिन मदिरा प्रेमियों के लिए पीछे की ओर या साइड में बनी खिड़की से शराब मिल जाती है। हांलाकि इस स्पेशल सर्विस के लिए कुछ कीमत ज्यादा चुकानी होती है। 

जिम्मेदारों को भी नहीं दिखते सड़क पर खुले अहाते 

सड़कें अहाते में बदल जाती है लेकिन जिम्मेदारों को भी यह नजर नहीं आ रहा है। आबकारी विभाग के उपायुक्त (उड़नदस्ता) यशवंत धनोरा से जब ठेकों के सामने खुले में शराबखोरी और ठेकेदारों की शह के सवाल पर वे चुप रहे। उन्होंने कौतुहल दिखाते हुए कहा क्या ठेकों के सामने दुकानों पर शराब पिलाई जा रही है। मुझ तक ऐसी शिकायत तो नहीं आई है, लेकिन मैं अब इसे गंभीरता से देखता हूं। आबकारी अधिकारी की इस जिम्मेदारी की गंभीरता को क्या ही कहा जाए।

thesootr links

सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

द सूत्र आबकारी विभाग खुले में शराब भोपाल में खुलेआम छलकता है जाम बैकविंडो से हाजिर से शराब शराब ठेके