कलेक्टर कार्यालय से निकली रजिस्ट्री और फर्जी कॉपी बनाकर अपराधियों ने ले लिया बैंक लोन

जबलपुर निवासी सुमित काले के घर बैंक के कर्मचारी लोन रिकवरी के लिए पहुंचे और जब उन्हें जानकारी दी कि उनकी रजिस्ट्री पर लाखों रुपए का लोन लिया गया है। यह सुनते ही सुमित के पैरों तले से जमीन ही खिसक गई।

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Neel Tiwari
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जबलपुर की एसटीएफ इकाई ने एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जिसमें अपराधियों ने कई फर्जी रजिस्ट्री पर करोड़ों का बैंक लोन ले लिया और जमीन के असली मालिकों को इसकी भनक भी नहीं लगी।

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शिकायत के बाद खुलासा

जबलपुर निवासी सुमित काले के घर बैंक के कर्मचारी लोन रिकवरी के लिए पहुंचे और जब उन्हें जानकारी दी कि उनकी रजिस्ट्री पर लाखों रुपए का लोन लिया गया है। यह सुनते ही सुमित के पैरों तले से जमीन ही खिसक गई। सुमित ने इस मामले की शिकायत पुलिस की एसटीएफ इकाई को दी और उसके बाद जब एसटीएफ ने इस मामले में जांच की तो एक के बाद एक इस गिरोह के सदस्यों की काले कारनामों का खुलासा होता चला गया। इस पूरे फर्जीवाड़े में बैंक कर्मचारियों सहित कलेक्टर कार्यालय में दलाली करने वाला एक व्यक्ति भी गिरफ्तार हुआ है।

कलेक्टर कार्यालय से निकाली जाती थी ओरिजिनल रजिस्ट्री

मामले के खुलासे के बाद सबसे हैरान करने वाली बात यह थी, कि कलेक्टर कार्यालय से ही ओरिजिनल रजिस्ट्री निकालकर इस गिरोह के पास पहुंचाई जाती थी। इसके बाद असली रजिस्ट्री की हूबहू नकल बनाकर उस पर कलेक्टर कार्यालय की सील लगाई जाती थी। जिसके बाद यह नकली रजिस्ट्री, असली रजिस्ट्री की तरह बैंक लोन के लिए काम आती थी। गिरोह के कई सदस्य बैंकों में पहले काम कर चुके थे और कुछ अभी भी कार्य कर रहे थे। जिनको लोन अप्रूवल की पूरी प्रक्रिया की जानकारी थी और वह बैंक से इस लोन को अप्रूव कराने में पूरी मदद करते थे। जबलपुर एसटीएफ के अनुसार अब तक इस मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है पर लगातार चल रही जांच में और भी खुलासे होने बाकी हैं। 

कलेक्टर कार्यालय से लेकर बैंक कर्मियों तक मिलीभगत

इस पूरे लोन फर्जीवाड़े गिरोह में अब तक जिन 9 लोगों के नाम सामने आए हैं। उसमें से अधिकांश बैंकों में काम कर रहे हैं या पहले कर चुके हैं। वहीं एक व्यक्ति ऐसा भी है जो जबलपुर कलेक्टर कार्यालय में कार्य करता है। हालांकि इस व्यक्ति के बारे में बताया जा रहा है कि यह कलेक्टर कार्यालय में दलाली का काम करता था पर एक दलाल के पास असली रजिस्ट्री का होना कार्यालय के और भी लोगों की मिली भगत  की ओर इशारा कर रहा है। 

गिरोह में सबकी भूमिका थी तय

हनुमानताल निवासी अनवर हनीफ कलेक्टर कार्यालय में दलाली का काम करता है। जो असली रजिस्ट्री को लकी उर्फ लखन प्रजापति को देता था, जिसके बाद लकी इसकी हूबहू नकल बना कर देता था। अनवर फिर इस फर्जी रजिस्ट्री पर कलेक्टर कार्यालय की सील लगा देता था।  विकास तिवारी, संदीप चौबे और अनुभव दुबे ने बैंक में पहले काम किया है, इसलिए इन्हें लोन की प्रक्रिया की पूरी जानकारी थी। यह लोग फर्जी रजिस्ट्री के साथ अन्य दस्तावेज लगाकर लोन अप्रूव कराते थे। अन्य दस्तावेज  और बैंक एकाउंट की व्यवस्था का काम मोहमद अनीस,  राजेश डहेरिया, प्रवीण पांडे, पुनीत उर्फ राहुल पांडे सम्हालते थे। इन 9 लोगोंफर्जी राजिस्ट्री मामले में 9 अरेस्ट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

अब्दुल कलीम तेलगी पार्ट 2

एसटीएफ जबलपुर डीएसपी संतोष तिवारी के अधिकारी के द्वारा बताया गया कि यह रजिस्ट्री फर्जीवाड़ा अब्दुल कलीम तेलगी के स्टांप फर्जी वाले की तरह ही है। इस मामले में लोगों की फर्जी रजिस्ट्री बनाकर करोड़ों रुपए लोन के रूप में निकाले गए हैं। अब तक एसटीएफ के सामने कुल 15 रजिस्ट्री आ चुकी हैं। जिनकी फर्जी कॉपी बनाकर लोन लिए गए हैं, वहीं यह संख्या और भी बढ़ने वाली है। अभी एसटीएफ की रडार में 22 अपराधी है जिनकी संख्या बढ़कर 50 तक हो सकती है। तो आने वाले समय में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होंगे।

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