साइबर फ्रॉड के मामले में कोर्ट से रिहा होने के बाद पुलिस का मेहमान बने एक नाइजीरियाई अपराधी को अब अपने देश ही नहीं लौटना। भारत की अर्थव्यवस्था की तारीफ करते हुए या नाइजीरियाई युवक अब दिल्ली में ही रहना चाहता है और अपने देश नहीं जाना चाहता।
साइबर क्राइम के मामले में हुआ था गिरफ्तार
जॉन अनुबिरी उर्फ ब्राउनी तीन अन्य भारतीयों के साथ गिरफ्तार किया गया था इस पर जबलपुर की एक महिला से अपनी साथियों के साथ मिलकर 16 लख रुपए की ठगी करने का मामला चल रहा था। लगभग 6 साल चले इस मामले के बाद सबूत के अभाव में ब्राऊनी को रिहा हुए एक महीना होने को आ रहा है और यह नाइजीरियाई व्यक्ति अब जबलपुर की सिविल लाइन पुलिस का मेहमान बना हुआ है। पुलिस के द्वारा नाइजीरियन दूतावास से संपर्क कर इसे इसके देश भेजने की कोशिश की जा रही है पर यह अपने देश ही नहीं जाना चाहता।
दिल्ली से हुआ था गिरफ्तार
कस्टम में गिफ्ट रुक जाने के बहाने महिला से ऑनलाइन 16 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में स्टेट साइबर सेल ने ब्राउनी को द्वारिका ( दिल्ली ), उसके साथी हरेंद्र सिंह और शिवम गुप्ता को कानपुर और बद्रीश मिश्रा को दिल्ली से पकड़ा था। जबलपुर कोर्ट ने जेल भेजा, तीन साल जेल में रहे, 2021 में चारों जमानत पर बाहर आ गए। अन्य आरोपी शिवम, बद्रीश और हरेंद्र तो अपने-अपने घर चले गए, लेकिन वीजा और पासपोर्ट नहीं होने पर ब्राउनी दिल्ली में रुका रहा। मामले में सुनवाई के चलते पेशी के लिए ब्राउनी को कई बार नोटिस भेजे गए। जब वह नहीं आया तो उसके खिलाफ स्थाई वारंट निकाला गया। स्टेट साइबर सेल ने आरोपी को जून 2024 में दिल्ली से दोबारा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। एक महीने तक जबलपुर सेंट्रल जेल में रहने के बाद जुलाई 2024 में कोर्ट ने ब्राउनी को रिहा कर दिया।
सरकार उठाएगी डेढ़ लाख की यात्रा का खर्च
जबलपुर पुलिस की एक टीम हाल ही में दिल्ली दूतावास जाकर ब्राउनी को नाइजीरिया भिजवाने के लिए लेटर देकर आई है। गरीब परिवार आने वाले ब्राऊनी को वापस भेजने के लिए यात्रा का डेढ़ लाख रुपए सरकार खर्च करने वाली है पर ब्राउनी है कि वह भारत की तारीफ करते ही नहीं थक रहा और अपने देश वापस जाना नहीं चाहता।
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