Human Trafficking Case : दमोह डॉक्टर अजय लाल पर मानव तस्करी का केस, अडॉप्ट बच्चों को किया गायब

दमोह के डॉ.अजय लाल और अन्य लोगों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट के तहत FIR दर्ज की है। पुलिस डॉक्टर को अरेस्ट करने के लिए घर पहुंची थी लेकिन डॉक्टर वहां नहीं था।

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Deeksha Nandini Mehra
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Damoh Human Trafficking Case
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Damoh Human Trafficking Case :  मध्य प्रदेश के दमोह में एक बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल के मालिक डॉक्टर अजय लाल ( Dr. Ajay Lal ) पर मानव तस्करी का आरोप लगा है। इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ FIR दर्ज की है। डॉक्टर अजय और अन्य लोगों के खिलाफ ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। हाईकोर्ट ने 9 अगस्त तक डॉक्टर अजय लाल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

बेटी का बयान - अमेरिका जाएंगे

पुलिस सोमवार को डॉक्टर अजय को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पहुंची, लेकिन वे घर पर नहीं मिले। इसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की। डॉक्टर अजय की बेटी ने कहा कि यहां का माहौल खराब है और वे अमेरिका जाएंगे। 

डॉक्टर अजय लाल के फरार होने के बाद उनकी पत्नी इंदू लाल, बेटे अभिजीत लाल और बेटी अभिनीता अपने पति के साथ जबलपुर जाने के लिए दमोह से निकले। पुलिस ने मारुताल टोल नाका के पास उन्हें रोक लिया। डॉक्टर लाल के बारे में पूछताछ की। इस दौरान परिजन और पुलिस के बीच काफी बहस हुई।

बेटी अभिनीता ने पुलिस से कहा कि आपने मेरे पिता को पहरेदारी में रखा था, तो आप ही बताएं वे कहां हैं। पुलिस ने डॉ. अजय के परिवार को रातभर आधारशिला संस्थान के कैंपस में रोका और सुबह नोटिस पर साइन करवाकर उन्हें जाने दिया।

बाल आयोग के अध्यक्ष ने जताई मानव तस्करी की आशंका

डॉ. अजय लाल की संस्था आधारशिला के जरिए बाल भवन अनाथ आश्रम का संचालन किया जाता था, जिसमें अनाथ बच्चों की देखभाल की जाती थी। लगभग एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग ( National Child Commission)  के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ( Chairman Priyank Kanungo ) ने दमोह पुलिस को पत्र लिखकर 18 साल पहले बाल भवन से गोद लिए गए दो बच्चों को लेकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग ( Human Trafficking ) की आशंका जताई थी। इसके बाद बाल भवन को बंद कर दिया गया।

पुलिस ने लैपटॉप किया जब्त

बुधवार को पुलिस ने डॉक्टर अजय के परिजनों की मौजूदगी में पूरे घर की तलाशी ली और लैपटॉप और CCTV का DVR जब्त किया। पुलिस को आशंका है कि इनसे विदेशों से हो रही फंडिंग की डिटेल्स मिल सकती हैं।

गौरतलब है कि डॉक्टर अजय के पास नर्सिंग कॉलेज के साथ मिशनरी से जुड़े कई बड़े पद हैं। उनकी संस्था का नाम पहले मिड इंडिया क्रिश्चियन मिशन था, जिसे बदलकर आधारशिला संस्थान कर दिया गया। बताया जाता है कि उन्हें विदेश से काफी फंडिंग मिलती है और उन पर फंडिंग के माध्यम से धर्मांतरण के आरोप भी लगे हैं।

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