मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले की कहानी कुछ कुछ बॉलीवुड फिल्म भूल-भुलैया की याद दिलाती है। फिल्म में मंजुलिका का किरदार जिस तरह एक साथ दो जिंदगी जी रहा होता है, उसी तरह दमोह में भी एक युवती दो जिंदगी जी रही है।
पहले फिल्म की बात करते हैं। जैसे भूल भुलैया फिल्म में दिन में भोली दिखने वाली विद्या बालन रात में मंजूलिका बनकर अपने नृत्य से डराती है। वह प्रेमी की मौत का बदला लेने के लिए आक्रामक हो जाती है। विद्या का किरदार ड्यूल पर्सनॉलिटी डिसऑर्डर का शिकार रहता है।
अब दमोह के मुहन्ना में भी कुछ इसी तरह का मामला सामने आया है। 18 साल की युवती कृष्णा के शरीर पर चाकू से कट मारे जा रहे हैं। अपने आप निशान बनते हैं और खून बहता है। इसके बाद युवती बेहोश हो जाती है। कट मारने वाला उसे कहीं दिखाई नहीं देता है। कृष्णा का दावा है कि एक लंबा आदमी कट मारकर कहता है, जिंदगी के 9 दिन बचे हैं। अपनी जिंदगी जी ले कृष्णा।
घरवाले चिंतित, हाथ पर ज्यादा कट के निशान
बेटी के साथ हो रही इस अजीब तरह की घटना से उसके घरवाले बेहद चिंतित और परेशान हैं। जानकारी के अनुसार पिछले 20 दिन में कृष्णा के शरीर पर कट के 100 से ज्यादा निशान बन गए हैं। ज्यादा निशान हाथ पर हैं। ये किसी ब्लेड से काटने जैसे हैं। कृष्णा के पिता मुन्ना ने बताया कि हमने नजर भी रखी। सबके सामने ही कट के निशान पड़ गए।
परिजनों के सामने ही कट के निशान
गैसाबाद थाना क्षेत्र के मुहन्ना गांव की पीड़ित युवती कृष्णा दहायत की मां और पिता मुन्ना का कहना है कि शुरुआत में हम लोगों ने अपनी बेटी की बात को नहीं माना, लेकिन चोट पहुंचने की वजह से उस पर नजर रखी। अब बेटी के साथ सबके सामने ही चोट पहुंचने की घटना होने लगी है। इससे गांव और पूरा परिवार दहशत में है।
युवती को पांच बार सांप ने डसा
मामले में एक और हैरान करने वाली बात यह भी सामने आई है कि युवती कृष्णा को पांच बार जहरीला सांप डस चुका है। परिजनों और ग्रामीणों ने बताया की पिछले 5 सालों में कृष्णा को 5 बार सांप ने डसा है। 2 बार घर में सांप द्वारा डसा गया और 3 बार खेत में काम करने के दौरान सांप ने डसा। सांप के डसने के बाद इलाज के लिए परिजन सरकारी अस्पताल भी ले जा चुके हैं, लेकिन कृष्णा हर बार सुरक्षित बच गई।
साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर की शिकार है युवती
डॉक्टर बताते हैं कि पीड़ित कृष्णा को साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकता है। उसे इलाज की जरूरत है। भोपाल के मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी ने बताया कि यह स्थिति साइकोसिस की हो सकती है। इसमें भ्रम की स्थिति बनती है। व्यक्ति को चीजें दिखाई देती हैं। आवाज सुनाई देती हैं, वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता। यह गंभीर मनोरोग हो सकता है।
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