मध्य प्रदेश के दतिया में 21 साल पहले हुए हत्याकांड में दतिया कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। 2003 के इस चर्चित हत्याकांड में 15 में से 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। जबकि दो आरोपी 10-10 साल तक जेल में रहेंगे। आपको बता दें कि आरोपियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर पांच लोगों की हत्या कर दी थी।
दो आरोपियों की हो गई मौत
दतिया कोर्ट में अपर सत्र न्यायाधीश राजेश भंडारी की अदालत ने इस मामले में 9 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उक्त मामले में दो आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी। दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। दो आरोपी फरार हैं। फरार आरोपियों में मुकेश यादव और बलदाऊ यादव का नाम शामिल है। दोनों वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं।
इनकी हुई थी हत्या
मृतकों में भैया राजा उर्फ सत्येंद्र बुंदेला, राधावल्लभ दांगी, मोजी तिवारी, धर्मेंद्र कमरिया, शामिल थे, घटना में सात लोग घायल हुए थे।
ये हैं आरोपी
मामले में महेश यादव, केहरी यादव, बलवीर सिंह यादव, दौलत सिंह यादव, राकेश सिंह, बनमली कुशवाह, बिसंबर सिंह, अतर सिंह, श्यामलाल साहू, मुकेश तंदोरिया, मुन्ना यादव, रघुवीर सिंह भूरे यादव, मुकेश यादव आरोपी थे। फिलहाल केहरि यादव और श्यामलाल साहू की मौत हो चुकी है। फिलहाल इस मामले में मुकेश यादव, दिसंबर सिंह उर्फ बलराम यादव फरार हैं।
ये है पूरा मामला
24 अप्रैल 2003 को दतिया में एक ऐसा मामला हुआ जिसने मध्य प्रदेश पुलिस को अंदर तक हिलाकर रख दिया था। इस हत्याकांड की खबर पूरे देश में गूंजी थी। करीब 21 साल पहले महेश यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर पूर्व युवक कांग्रेस अध्यक्ष भैया राजा बुंदेला और उनके साथियों को राजगढ़ चौराहे के पास दोनों तरफ से घेर लिया था और उन पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। हालांकि राजा भैया के साथ कुछ गुंडे भी थे और वे भी हथियारों से लैस थे। लेकिन उन्हें ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं मिला।
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