इंदौर के प्रतिष्ठित देवी अहिल्य विश्वविद्यालय DAVV में कौन बनेगा कुलपति? यह सबसे अहम सवाल बना हुआ है। मौजूदा कुलपति डॉ. रेणु जैन का कार्यकाल सितंबर अंत में समाप्त हो रहा है। द सूत्र को मिली जानकारी के अनुसार एक बार फिर DAVV को महिला कुलपति मिल सकती है। इसके साथ ही इंदौर से कुछ और अहम नाम है, जो दावेदारों में हैं।
क्या यह महिला कुलपति आएंगी इंदौर
इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. संगीता शुक्ला हैं। यह ग्वालियर की हैं और ग्वालियर जीवाजी यूनिवर्सिटी में 2013 व 2017 में दो बार लगातार कुलपति रह चुकी और अब कुलपति के तौर पर मेरठ यूनिवर्सिटी में तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2021 से चल रहा है।
क्यों है इनका दावा मजबूत
शुक्ला यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन के काफी करीबी हैं। साथ ही डॉ. रेणु जैन के भी काफी करीबी हैं। कहा जाता है कि डॉ. जैन को DAVV में कुलपति बनवाने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी। अब शुक्ला इंदौर आना चाहती हैं तो उन्हें उच्च स्तर पर सभी का सहयोग मिल रहा है।
मंत्री के भाई सिलावट की भी दावेदारी
मंत्री तुलसी सिलावट के शिक्षाविद् भाई और अभी होलकर कॉलेज के प्रिंसिपल सुरेश उर्फ पप्पू सिलावट की भी दावेदारी है। नैक ग्रेड दिलवाने के अपने बेहतर रिकार्ड और राजनीतिक संबंधों की बदौलत उनकी दावेदारी हो रही है। लेकिन इतने भी मजबूत राजनीतिक संबंध उच्च स्तर पर नहीं है एकदम से दावा मजबूत हो जाए।
एबीवीपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष को भी उम्मीद
वहीं एबीवीपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे सचिन शर्मा पूरी तरह से अपने पूर्व संबंधों को भरोसे है। वह अभी यूनिवर्सिटी के आईएमएस में प्रोफेसर पद पर हैं। एबीवीपी में उन्होंने लंबी पारी खेली है। इसके चलते संबंध मजूबत है। हालांकि अनुभव की कमी एक बड़ी बाधा बनकर उभरी है।
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यूजीसी के पूर्व सचिव जैन की मुश्किल यहां
यूनिवर्सिटी में ही आईएमएस के प्रोफेसर और यूजीसी के पूर्व सचिव डॉ. रजनीश जैन की भी दावेदारी है। यूजीसी के अनुभव के कारण उन्हें दावेदार माना जा रहा है, लेकिन उनकी एक लंबित जांच उनकी राह में बाधा है। रीडर से प्रोफेसर पद पर उनकी पदोन्नति विवादों में हैं। यूनिवर्सिटी ने नियमों के परे जाकर कम अनुभव के बाद भी उन्हें पदोन्नत कर दिया, इसकी शिकायत हुई थी। इसके बाद खुद यूनिवर्सिटी ने जांच के लिए कमेट बनाई और यह अभी तक ठंडे बस्ते में हैं। इस कमेटी और रिपोर्ट को दबा दिया गया।
यूनिवर्सिटी से पूर्व प्रभारी कुलपति और यह भी दावेदार
यूनिवर्सिटी में रेक्टर और दो बार प्रभारी कुलपति रह चुके डॉ. आशुतोष मिश्र सालों से इस पद पर आने के लिए लगे हुए हैं और उनका अनुभव भी है, लेकिन उच्च स्तर पर पैठ नहीं होने से वह अभी तक इस पद पर नहीं पहुंच सके हैं। वहीं प्रोफेसर कन्हैया आहूजा भी दावेदारी में लगे हुए हैं।
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