INDORE. इंदौर में मार्च 2023 में हुई दर्दनाक घटना बेलेश्वर बावड़ी हादसे में एक बार फिर मामला हाईकोर्ट इंदौर गया है। एक याचिका इसमें लगी है जिसमें मृतकों के परिजनों को काफी कम मुआवजा देने की बात कहते हुए 50 लाख मुआवजा दिए जाने की मांग की गई है।
हाईकोर्ट में यह रखी गई बात
इंदर चांदकी की इस हादसे में मौत हुई थी उनके 80 साल के बुजुर्ग पिता द्वारा यह याचिका अधिवक्ता मनीष यादव व करण बैरागी द्वारा लगाई गई। अधिवक्ता यादव ने बताया कि हादसे में प्रभावितों को केवल सात लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। याचिकाकर्ता का पुत्र परिवार का एक मात्र कमाने वाला व्यक्ति था ,जिस पर वृद्ध माता पिता पत्नी और दो नाबालिग बच्चों के लालन पालन की जिम्मेदारी थी घटना प्रशासन और ट्रस्ट की लापरवाही के चलते हुई है। तमाम आश्वाशन के बाद भी याचिकाकर्ता के परिवार को उचित आर्थिक मदद प्रशासन के द्वारा नही दी गई बार बार जनसुवाई में जाने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
बच्चों की शिक्षा का भी खर्चा नहीं उठाया
बच्चों को फीस के लिए स्कूल से तकादा किया जा रहा है,प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के द्वारा बच्चो की संपूर्ण शिक्षा का खर्च उठाने का आश्वासन दिया गया था, जो पूरा नही किया। अधिवक्ता यादव ने माननीय न्यायालय में पारित जनहित याचिका के आदेश का हवाला देते हुए न्यायालय को बताया कि जनहित याचिका के फैसले में भी न्यायालय ने मुआवजे के लिए कहा था।
हाईकोर्ट ने कहा 45 दिन में करें फैसला
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कलेक्टर इंदौर को आदेश दिए हैं कि वह इस मामले में 45 दिन में फैसला करें। न्यायालय ने यह भी कहा है, जनहित याचिका में पारित आदेश और अन्य इस तरह के मामले व शासन की पॉलिसी फ्रेमिंग को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता परिवार को मुआवजा दिया जाए।
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